घोटाले का राजनेताओं संग कनेक्शन, 244 करोड़ की टैक्स चोरी, IT की छापेमारी में अखिलेश के करीबियों के घर से क्या मिला?
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले लखनऊ, मऊ, मैनपुरी समेत कई जिलों के कई ठिकानों पर एक साथ एक समय पर शनिवार के दिन आईटी विभाग की छापेमारी हुई। जिससे चुनावी माहौल में यूपी की राजनीति गर्मा गई।
उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग की तरफ से लगातार तीन दिनों तक बड़ी छापेमारी की गई है। एक साथ कई शहरों में छापेमारी की गई। सबसे बड़ी बात ये रही कि जितने भी लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई सभी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी बताए जा रहे हैं। अपने करीबी नेताओं और कारोबारियों पर छापेमारी को लेकर अखिलेश यादव ने राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं। घोटाले के तार कई लोगों से जुड़े बताए जा रहे हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले लखनऊ, मऊ, मैनपुरी समेत कई जिलों के कई ठिकानों पर एक साथ एक समय पर शनिवार के दिन आईटी विभाग की छापेमारी हुई। जिससे चुनावी माहौल में यूपी की राजनीति गर्मा गई। जिनके घर छापा पड़ा उन सब में कोई नेता है तो कोई कारोबारी और सब के सब अखिलेश यादव के करीबी हैं।
अखिलेश के करीबी तीन चेहरे
जैनेंद्र यादव- अखिलेश यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो वो उनके निजी सचिव थे। अखिलेश की राजनीति के शुरुआत से ही बेहद करीबी हैं।
राजीव राय- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वो टीवी डिबेट में पार्टी का नामचीन चेहरा हैं। एनीके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन हैं।
मनोज यादव- पेशे से कारोबारी हैं और अखिलेश के करीबी भी हैं। आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन हैं।
इसे भी पढ़ें: संगम नगरी प्रयागराज में कैसा रहा है चुनावी गणित, जहां कई बार बदले समीकरण
आईटी की रेड में क्या मिला
आयकर विभाग को इस छापेमारी में एक करोड़ 12 लाख रुपये नगद बरामद हुए। विभाग की तरफ से दावा किया गया है कि उसे तमाम फर्जी कंपनियों में फंड डायवर्जन और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनपर जांच जारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सपा नेताओं ने कई फर्जी कंपनियों के जरिये सैकड़ों करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति जुटाई और 244 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। फर्जी कंपनियों में हवाला के जरिए लेनदेन की भी पुष्टि हुई है।
अन्य न्यूज़