लद्दाख की घटना पर बोली कांग्रेस, राजनीतिक दलों और देश को विश्वास में ले सरकार
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए मंगलवार को सरकार से आग्रह किया कि इस मामले पर देश को विश्वास में लिया जाए और सभी राजनीतिक दलों को जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘संसदीय लोकतंत्र में सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह राजनीतिक दलों को जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दे।’’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘ ‘‘चीनी सेना द्वारा लद्दाख में तीन स्थानों पर की गई घुसपैठ की खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता और व्यग्रता पैदा कर दी, लेकिन सीमा पर घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। पिछले पांच दशकों में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिक की शहादत नहीं हुई है। चीनी सेना के हाथों भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की शहादत पूरी तरह से अप्रत्याशित और अस्वीकार्य है।’’
उनके मुताबिक, ‘‘भारतीय सेना द्वारा मंगलवार दोपहर 12 बज कर 52 मिनट पर जारी एक बयान में हमारे अफसर और सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने की पुष्टि की गई है और बाद में एक बज कर करीब आठ मिनट पर यह बयान संशोधित कर दिया गया। हमारे कुछ जवानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबरें भी आ रही हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि इन खबरों को सुन कर पूरा देश क्षुब्ध है, रोष में है, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘क्या यह सच है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों को मार डाला है? क्या यह सही है कि अन्य भारतीय सैनिक भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं? यदि हां, तो प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?’’
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उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इस बात पर राष्ट्र को विश्वास में लेंगे कि हमारे अधिकारी और सैनिक ऐसे समय में कैसे शहीद हो सकते हैं जबकि चीनी सेना गलवान घाटी के हमारे क्षेत्र से कब्जा छोड़ कथित तौर पर वापस जा रही थी? केंद्र सरकार बताए कि हमारे उच्च सेना अधिकारी और सैनिक कैसे और किन परिस्थितियों में शहीद हुए? ’’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘अगर हमारे अधिकारी और सैनिकों के शहीद होने का यह वाकया कल रात हुआ था, तो आज दोपहर 12.52 बजे बयान क्यों जारी किया गया और 16 मिनट बाद ही यानि दोपहर 1.08 बजे बयान क्यों बदला गया?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अप्रैल-मई 2020 से चीनी सेना द्वारा हमारे क्षेत्र पर कब्जे के बारे में चुप्पी साध रखी है और सार्वजनिक पटल पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है। सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री अब आगे बढ़ कर देश को यह बताने का साहस करेंगे कि अप्रैल-मई 2020 तक भारत की सीमा के कितने क्षेत्र में चीन ने अवैध कब्जा कर लिया है ?साथ ही यह भी बताएं कि वे कौन से हालात व स्थितियां हैं, जिनके चलते हमारे बहादुर सैन्य अधिकारी व सैनिकों की शहादत हुई है? क्या प्रधानमंत्री राष्ट्र को विश्वास में लेंगे?’’
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कांग्रेस नेता प्रश्न किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पैदा हुई इस चुनौतीपूर्ण तथा गंभीर स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति क्या है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि पूरा देश भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता की रक्षा के लिए एकजुट है। पर मोदी सरकार को यह याद रखना होगा कि संसदीय प्रणाली में शासकों की गोपनीयता या चुप्पी का कोई स्थान नहीं है।’’ गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी।
The violent clash between the Chinese and Indian Army in Galwan valley of Ladakh causing death of Indian Commanding Officer and Jawans is a matter of serious national concern. India's security and territorial integrity are non-negotiable.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 16, 2020
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