मोदी सरकार की बूस्टर डोज नीति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- गरीब कैसे लगवाएगा 800 रुपए की वैक्सीन ?
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने एक भेदभाव पूर्ण और जनता को दो हिस्सों में बाटने वाली कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज निकाली है। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि क्या मोदी सरकार दो तरह का भारत पैदा करना चाहिए- एक गरीबों का भारत और एक अमीरों का, एक गांव का एक शहर का।
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ भारत में जंग जारी है और सरकार ने देश के सभी लोगों को बूस्टर डोज लगाने की तैयारी कर ली है। इसी बीच कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए 'भारत को दो हिस्सों' में बांटने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने एक भेदभाव पूर्ण और जनता को दो हिस्सों में बाटने वाली कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज निकाली है।
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रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि क्या मोदी सरकार दो तरह का भारत पैदा करना चाहिए- एक गरीबों का भारत और एक अमीरों का, एक गांव का एक शहर का। यह अपने आप में पूरी तरह से निर्दयी और भेदभाव पूर्ण नीति है। ऐसे में मोदी सरकार को अपनी वैक्सीनेशन नीति के बारे में देश के लोगों को कुछ सवालों के जवाब देना पड़ेगा।
गरीब कैसे लगवाएगा बूस्टर डोज ?
कांग्रेस नेता ने पूछा कि 18 साल से 60 साल के भारतीयों को वैक्सीन डोज की कीमत क्यों अदा करनी पड़ेगी ? यह सभी के लिए मुफ्त क्यों नहीं है। जबकि बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देश वहां के लोगों को बूस्टर डोज मुफ्त लगा रही है। उन्होंने पूछा कि बूस्टर डोज की कीमत 800 रुपए होगी। जिसमें 600 रुपए डोज की कीमत और 200 रुपए लगवाने की कीमत है। इस देश का गरीब, अनुसूचित जाति, पिछड़े, गरीब नौकरीपेशा लोग, ऑटोरिक्शा ड्राइवर इत्यादि अपने परिवार को बूस्टर डोज कैसे दे पाएगा।
देश के युवा, गरीब, वंचित, मध्यमवर्ग, नौकरीपेशा लोगों को कोरोना के बूस्टर डोज लगवाने के लिए “पैसे दो और लगवाओ” की भेदभावपूर्ण नीति बारे मोदी सरकार को सवालों का जबाब भी देना होगा और इस नीति में बदलाव भी करना होगा।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 8, 2022
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रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि नौकरीपेशा व्यक्ति के ऊपर आप वैक्सीन डोज का 800 रुपए का बोझ क्यों डाल रहे हैं। जबकि पेट्रोल, डीजल, रसोईगैस के दाम, सीएनजी और पीएनजी के दामों से पहले ही आम आदमी पिस रहा है। उन्होंने मोदी सरकार से चौथा सवाल पूछा कि बूस्टर डोज के लिए सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों को ही क्यों चुना गया है। सरकार अस्पतालों में बूस्टर डोज क्यों नहीं लगेगी। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि क्या इस नीति से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को बूस्टर डोज से वंचित नहीं कर दिया जाएगा।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से सवाल पूछते हुए ट्विटर पर लिखा कि देश के युवा, गरीब, वंचित, मध्यमवर्ग, नौकरीपेशा लोगों को कोरोना के बूस्टर डोज लगवाने के लिए पैसे दो और लगवाओ की भेदभावपूर्ण नीति बारे मोदी सरकार को सवालों का जबाब भी देना होगा और इस नीति में बदलाव भी करना होगा।
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प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर में लगेगी बूस्टर डोज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 अप्रैल से प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज उपलब्ध कराए जाने की शुक्रवार को घोषणा की। मंत्रालय ने कहा 18 साल से अधिक आयु के ऐसे सभी लोग, जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाए हुए 9 महीने हो गए हैं वे बूस्टर डोज के लिए पात्र होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह निर्णय किया गया है कि कोरोना की बूस्टर डोज प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर में 18 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा सभी प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर होगी।
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