कांग्रेस ने फडणवीस पर उठाया सवाल, कहा- नैतिक आधार पर सीएम बने रहने का अधिकार नहीं
फड़णवीस को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी कथित रूप से मुहैया नहीं कराने के मामले में बंबई उच्च न्यायालय का आदेश मंगलवार को निरस्त कर दिया और भाजपा नेता को मामले में सुनवाई का सामना करने का आदेश दिया।प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सतीश यूकी की याचिका पर यह आदेश दिया।
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी कथित रूप से मुहैया नहीं कराने के मामले में उच्चतम न्यायालय की ओर से सुनवाई का आदेश देने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर पद पर नहीं बने रहना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई। अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हलफनामा मामले में सुनवाई आगे चलेगी।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘नैतिकता और मोदी विपरीत दिशा में चलते हैं। लेकिन फिर भी हमारा यह कहना है कि जब आपराधिक मामला चलता है तो उन्हें (फड़णवीस को) नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार नहीं है।’’गोहिल ने कहा कि अगर आरोपी मुख्यमंत्री पद पर बैठा रहेगा तो कानूनी प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। दरअसल, फड़णवीस को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी कथित रूप से मुहैया नहीं कराने के मामले में बंबई उच्च न्यायालय का आदेश मंगलवार को निरस्त कर दिया और भाजपा नेता को मामले में सुनवाई का सामना करने का आदेश दिया।प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सतीश यूकी की याचिका पर यह आदेश दिया।
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