हिमाचल प्रदेश के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा में विरोध जताया
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची को बदलते हुए उनके स्थान पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राम सुभाग सिंह को नियुक्त किया। विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा में इस नियुक्ति का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची को बदलते हुए उनके स्थान पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राम सुभाग सिंह को नियुक्त किया। विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा में इस नियुक्ति का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक ‘‘बाहरी’’ को लाने के लिए मुख्य सचिव के पद से हिमाचल प्रदेश के एक निवासी को हटाया गया। राज्य सरकार ने एक आदेश में खाची को तत्काल प्रभाव से राज्य का निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) बनाया।
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1986 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी खाची एक साल और सात महीने तक मुख्य सचिव के पद पर रहे। खाची के बाद सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सिंह (1987 बैच) को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शीर्ष प्रशासनिक पद पर एक ‘‘बाहरी’’ को नियुक्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश के निवासी को हटाया गया और वह भी विधानसभा सत्र के बीच में। वह इस मुद्दे पर चर्चा भी कराना चाहते थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्य सचिव की नियुक्ति करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है।
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सदन यह फैसला नहीं कर सकता कि कौन मुख्य सचिव होगा और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया और नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि वह कांग्रेस को इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि मुख्य सचिव तथा अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है न कि सदन का। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन कर दिया। कुछ मिनट बाद कांग्रेस विधायक सदन में लौट आए और कामकाज शुरू हुआ।
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