कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की फिसली जुबान, बोले- सीता मैया का हुआ था चीरहरण, भाजपा ने घेरा
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले चुनाव में भी भाजपा के लोगों ने मुंह की खाई थी। इस बार भी वह मुंह की खाएंगे। उन्होंने कहा कि सच जीतेगा, बहुमत जीतेगा, प्रजातंत्र जीतेगा, संविधान जीतेगा, कानून जीतेगा, नैतिकता जीतेगी और झूठ का आवरण पहने जो लोग जैसे कि एक समय में सीता मैया का चीर हरण हुआ था, वह प्रजातंत्र का चीर हरण करना चाहते हैं वे लोग हारेंगे।
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। इन सबके बीच आज राजस्थान से राज्यसभा के कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला पहुंचे थे। वहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी जुबान फिसल गई। दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने लोकतंत्र की चीर हरण की तुलना सीता माता के चीर हरण से कर दी। आपको बता दें कि सीता माता का चीर हरण नहीं हुआ था बल्कि महाभारत में द्रौपदी का चीर हरण हुआ था। रणदीप सुरजेवाला ने साफ तौर पर कहा कि कल के चुनाव में प्रजातांत्रिक के बहुमत की जीत होगी। प्रजातंत्र का चीर हरण करने वाले लोग जो धनबल, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के भरोसे यहां आए हैं, उनकी हार होगी।
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रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले चुनाव में भी भाजपा के लोगों ने मुंह की खाई थी। इस बार भी वह मुंह की खाएंगे। उन्होंने कहा कि सच जीतेगा, बहुमत जीतेगा, प्रजातंत्र जीतेगा, संविधान जीतेगा, कानून जीतेगा, नैतिकता जीतेगी और झूठ का आवरण पहने जो लोग जैसे कि एक समय में सीता मैया का चीर हरण हुआ था, वह प्रजातंत्र का चीर हरण करना चाहते हैं वे लोग हारेंगे। बेनकाब होंगे। अब रणदीप सुरजेवाला के इस बयान को लेकर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पलटवार किया है। शहजाद पूनावाला ने साफ तौर पर कहा कि यह जुबान फिसलने का मामला नहीं है। यह वही लोग हैं जो राम संस्कृति की बजाय रोम संस्कृति में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं एक मुसलमान के रूप में भी जानता हूं कि चीर हरण मां सीता का नहीं बल्कि द्रोपदी का हुआ था। लेकिन कांग्रेस ने तो श्री राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। भले ही कोर्ट पर जनेऊ पहन सकते हैं लेकिन अंदर जो है वह बाहर आ ही जाएगा।
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नूपुर शर्मा के बयान को लेकर बैकफुट पर जा चुकी भाजपा को पलटवार करने का मौका मिल गया है और यही कारण है कि जैसे ही यह मामला सामने आया भाजपा की ओर से पलटवार किया गया। दूसरी ओर राजस्थान में राज्यसभा का चुनाव दिलचस्प हो चुका है। इसके साथ ही हरियाणा में भी कांग्रेस के लिए राज्यसभा चुनाव एक बड़ी परीक्षा है। हरियाणा में निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा तो वही राजस्थान में सुभाष चंद्रा की उम्मीदवारी ने कांग्रेस की मुश्किलें बड़ी बना कर रख दी है। यही कारण है कि कांग्रेस दोनों ही राज्यों में अपने समीकरणों को साधने में जुटी हुई है। फिलहाल दोनों ही राज्यों के कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। साथ ही साथ जो विधायक नाराज हैं उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है।
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