भूखा-नंगा कहकर कांग्रेस ने किया गरीबों, किसानों का अपमान

BJP, Madhya Pradesh,
दिनेश शुक्ल । Oct 13 2020 10:02PM

चौहान ने कहा कि हमें नंगे-भूखे बताना कांग्रेस के अंदर के भाव हैं, उनकी संस्कृति हैं, जिसका ये प्रकटीकरण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं, मैं नारियल लेकर चलता हूं। मुझे तो याद नहीं है कि मैं कब जेब में नारियल रखता था। वास्तव में उन्हें नारियल से नहीं, भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे विकास पर आपत्ति है।

भोपाल। हमारा कोई मान-अपमान नहीं है, हम तो जनता के सेवक हैं। कांग्रेस के लोग चाहे कुछ भी कहते रहें, हम जनता की सेवा करते रहेंगे। हमें व्यक्तिगत रूप से उस टिप्पणी पर कोई आपत्ति नहीं है और हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन गरीबों के लिए कांग्रेस नेता द्वारा ‘भूखे-नंगे’ शब्द का प्रयोग करना गरीबी का अपमान है। यह जनता का अपमान है, गरीबों का अपमान है, किसानों का अपमान है। प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता आने वाले चुनाव में अपने इस अपमान का जवाब कांग्रेस को देगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में कही।

 

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि जब किसी गरीब किसान का बेटा मुख्यमंत्री बनता है, तो कांग्रेस के लोग उसे भूखा-नंगा कहते हैं। ये प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता, गरीबों, किसानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि क्या गरीब किसान का बेटा होना, जनता के काम करना अपराध है? उन्होंने कहा कि कमलनाथ इसका जवाब दें, वर्ना प्रदेश की जनता चुनाव में इसका जवाब देगी और उनका बोरिया बिस्तर बांध देगी। शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जब छिंदवाड़ा आए थे, तो एक थैला लेकर आए थे। गरीबों का खून चूसा और उद्योगपति बन गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते भी कमलनाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा की चिंता की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जिस छिंदवाड़ा मॉडल की बात करते हैं, उसकी हालत यह है कि तामिया के गांवों में बिजली हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहुंचाई। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ चुनाव को लोकतंत्र बचाने का चुनाव कहते हैं, लेकिन वो स्वयं एक परिवार के दरबारी के तौर पर उस मंडली में शामिल थे, जिसने देश में आपातकाल लागू किया था और लोकतंत्र की हत्या की थी।

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वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम चुनाव को चुनाव की तरह लेते हैं, लेकिन पता नहीं हमारे कांग्रेस के मित्रों को क्या हो गया है। वे गरीबों को नंगा-भूखा कहते हैं। उन्होंने हमें भी नंगे-भूखे का नया नाम दिया है, लेकिन हम तो नंगे-भूखे ही भले। यदि जनता की सेवा के लिए नंगा-भूखा भी बनना पड़े तो मंजूर है। चौहान ने कहा कि हमें नंगे-भूखे बताना कांग्रेस के अंदर के भाव हैं, उनकी संस्कृति हैं, जिसका ये प्रकटीकरण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं, मैं नारियल लेकर चलता हूं। मुझे तो याद नहीं है कि मैं कब जेब में नारियल रखता था। वास्तव में उन्हें नारियल से नहीं, भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे विकास पर आपत्ति है। हमने कोरोना काल में भी विकास के कार्यों को रूकने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नारियल हमारी संस्कृति है। हम तो जनता को ही भगवान मानते हैं। अब कांग्रेस को जनता को प्रणाम करने पर भी आपत्ति है। वे कहते कि शिवराज सिंह ने घूटने टेक दिए हैं, लेकिन लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी जनता को झुककर प्रणाम करते हैं। हम भी उसी राह पर चलने वाले लोग हैं। हम जनता के सामने तो घुटने टेकेंगे, लेकिन दंभी, अहंकारी कांग्रेस और उसके उद्योगपति नेताओें के सामने कभी घुटने नहीं टेकेंगे।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा था कि गरीबों की सेवा ही भगवान की पूजा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी उसी राह पर चल रहे हैं और हम भी उसी मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने किसी को गरीब नहीं बनाया। कमलनाथ जी जैसे बुद्धि के चालाक एवं कुटिल लोग अपनी कुटिलता और ताकत का उपयोग करके उद्योगपति बन गए, लेकिन गरीब-गरीब ही रह गया। आप जैसे उद्योगपतियों ने ही अमीरी-गरीबी की लंबी खाई बनाई है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धरती के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का ही है और उनका ये अधिकार हम हर कीमत पर दिलाकर रहेंगे।

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