कांग्रेस एक व्यक्ति, एक पद के फॉर्मूले को कर सकती है लागू, चिंतन शिविर में होगा अंतिम फैसला
मुकुल वासनिक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी समूह ने एक व्यक्ति, एक पद के फार्मूले को अपनाने सहित संगठन में बदलाव के लिए कई सिफारिशें की हैं। सीडब्ल्यूसी ने अपनी बैठक में सिफारिशों पर चर्चा की। समिति ने सुझाव दिया कि एआईसीसी और पीसीसी के सभी पदाधिकारियों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल का होना चाहिए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के चिंतन शिविर से पहले पार्टी केसंगठनात्मक मामलों से संबंधित कार्य समूह ने सुझाव दिया है कि अधिकतम पांच साल के कार्यकाल के बाद अखिल भारतीय और राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों को आराम दिया जाना चाहिये। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुकुल वासनिक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी समूह ने एक व्यक्ति, एक पद के फार्मूले को अपनाने सहित संगठन में बदलाव के लिए कई सिफारिशें की हैं। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को अपनी बैठक में सिफारिशों पर चर्चा की। इन सिफारिशों पर पार्टी के नेता 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में विचार करेंगे और अंतिम फैसला लेंगे।
इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी का तंज, मोदी जी जब रुपया गिरा था तब आप मनमोहन जी की आलोचना करते थे, मैं आँख बंद करके...
समिति ने सुझाव दिया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के सभी पदाधिकारियों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल का होना चाहिए, इसके बाद उन्हें तीन साल का आराम दिया जाना चाहिये। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि से संबंधित एक अन्य कार्य समूह ने सभी फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए कानूनी गारंटी और निर्धारित दर से कम दाम पर फसल खरीदने वाले के लिए दंडनीय प्रावधान का सुझाव दिया।
इसे भी पढ़ें: पचमढ़ी-शिमला के अधिवेशन से खींची गई UPA 1 की रूप-रेखा, जयपुर में राहुल का सत्ता जहर है वाला बयान, ऐसा रहा है 'चिंतन शिविर' का इतिहास
समिति ने सुझाव दिया है कि फसलों का एमएसपी स्वामीनाथन समिति के सी-2 फॉर्मूले के अनुसार तय किया जाए। समिति ने यह भी कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। समिति ने किसानों के साथ परामर्श के बाद आयात शुल्क तय करने का आह्वान किया है। पार्टी ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण, युवा मामलों, कृषि, संगठनात्मक मामलों, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने व सिफारिशें देने के लिए छह अलग-अलग समूहों का गठन किया है।
अन्य न्यूज़