CRPF और पुलिस के बीच तकरार: शिवराज बोले, संविधान को ध्वस्त करने वाली घटना
छापे के दौरान शाम को मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने परिसर के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें रोक दिया।
भोपाल। भोपाल में आयकर छापे के दौरान सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के बीच हुई तीखी तकरार पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे संविधान को ध्वस्त करने वाली घटना बताते हुए सवाल किया कि चुनाव के चलते जब आदर्श आचार संहिता लागू है तो आखिर किसके निर्देश पर प्रदेश पुलिस मौके पर गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर रविवार सुबह से सीआरपीएफ की सुरक्षा में आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। इसके तहत सुबह से भोपाल शहर के न्यू मार्केट इलाके में प्लेटिनम प्लाजा स्थित बहुमंजिला भवन में शर्मा के ठिकाने पर भी छापे की कार्रवाई जारी है। आयकर विभाग द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस को अलग रख केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में यह कार्रवाई की जा रही है।
Former Madhya Pradesh CM SS Chouhan: Cash is being recovered, documents are found, properties are unearthed. I'm surprised that the Chief Minister of Madhya Pradesh instead of cooperating, he is trying to stop the Income Tax department's proceedings. https://t.co/l3HnFFsDTx
— ANI (@ANI) April 7, 2019
छापे के दौरान शाम को मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने परिसर के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें रोक दिया। इस बात को लेकर सीआरपीएफ के अधिकारी और पुलिस के अधिकारियों के बीच तीखी तकरार हो गई। इस घटना के बाद शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दूसरा सवाल यह भी है कि इस समय आदर्श आचार संहिता लगी है तो किसके निर्देश पर पुलिस वहां गई। पुलिस अफसरों को भी जवाब देना पड़ेगा। सीएस (मुख्य सचिव) को भी जवाब देना पड़ेगा। जो खेल खेला जा रहा है, मध्य प्रदेश में, अच्छा नहीं है। यह भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास है। इस प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आयकर विभाग अपना काम कर रहा है, संवैधानिक अधिकार है उनका, सीआरपीएफ के जवान वहां लगे हुए थे। मध्य प्रदेश पुलिस क्यों गई, वहां सीआरपीएफ को काम करने से रोका जाता है। मप्र की पुलिस सीआरपीएफ से उलझती है। क्या यह भ्रष्टाचार को बचाने का प्रयास नहीं है। संविधान को तार-तार कर दिया। मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दीं। संविधान के ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया।’’
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चौहान ने कहा कि बदलाव का नारा देकर ये कांग्रेस की सरकार में आई लेकिन ये कैसा बदलाव जब पुख्ता सबूतों के आधार पर आयकर विभाग कार्रवाई करता है। नकद बरामद हो रहा है। दस्तावेज मिल रहा है। संपत्तियों का जखीरा निकल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है यह कहते हुए कि यहां की सरकार, यहां के मुख्यमंत्री इस कार्रवाई में सहयोग करने की बजाय आयकर विभाग की कार्रवाई रोकने का प्रयास कर रहे हैं।’’चौहान ने कहा कि ऐसी ‘‘नीच और ओछी’’ मानसिकता के आरोप लगाये जा रहे हैं कि यह कार्रवाई भाजपा के इशारे पर हो रही है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या भाजपा ने नकद वहां ले जाकर रख दिया। पैसा बरामद हो रहा है। संपत्तियां बरामद हो रही हैं। कार्रवाई को रोकने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। अभूतपूर्व संवैधानिक संकट यहां खड़ा हो गया है, जैसा ममता जी ने बंगाल में किया था।’’ कांग्रेस के आरोप कि आगामी लोकसभा चुनाव में डराने के लिये यह किया जा रहा है, के सवाल पर चौहान ने कहा कि डर किसका है। अगर कुछ गलत नहीं किया तो तो किस बात का डर है।
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