उत्तर-पूर्वी के उग्रवादियों की घाटी न बन जाए बांग्लादेश, CM हिमंता ने कहा- नई सरकार से भारत की होगी बात
उत्तर-पूर्व के सभी उग्रवादियों को शेख हसीना की सरकार में बांग्लादेश में हटाया गया था। हमारे लिए चिंता का विषय बना रहेगा कि दोबारा बांग्लादेश में उत्तर-पूर्वी के उग्रवादियों की घाटी न बने। मुझे विश्वास है कि जो भी नई सरकार बनेगी भारत सरकार उसके साथ बातचीत करेगी।
बांग्लादेश के राजनीतिक संकट पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेश में जो घटना घटी है वो हमारे लिए दो कारणों चिंतनीय है। अगर बांग्लादेश में ऐसी ही स्थिति रही तो वहां से लोग विस्थापित होकर भारत आएंगे लेकिन हमें सीमा को भी सुरक्षित करना है। उत्तर-पूर्व के सभी उग्रवादियों को शेख हसीना की सरकार में बांग्लादेश में हटाया गया था। हमारे लिए चिंता का विषय बना रहेगा कि दोबारा बांग्लादेश में उत्तर-पूर्वी के उग्रवादियों की घाटी न बने। मुझे विश्वास है कि जो भी नई सरकार बनेगी भारत सरकार उसके साथ बातचीत करेगी।
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बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने असम में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है तथा सभी स्तरों पर जवानों को अत्यधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है। बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी खतरे का समय पर पता लगाने और उसे बेअसर करने के लिए खुफिया अभियान तेज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ की गुवाहाटी फ्रंटियर के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा विभिन्न आकस्मिकताओं की आशंका को देखते हुए की गई है।
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जवानों को सीमा पर कड़ी निगरानी रखने, जनशक्ति बढ़ाने और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) गठित करने को कहा गया है। प्रवक्ता ने बताया कि गुवाहाटी फ्रंटियर ने इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 11 बटालियन और जलीय सुरक्षा की एक ईकाई तैनात की है और ये सभी अब हाई अलर्ट पर हैं। सभी भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (एलसीएस) पर निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि सीमा चौकियों (बीओपी) पर जनशक्ति बढ़ा दी गई है और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी निगरानी उपकरणों का पूरी क्षमता से उपयोग किया जा रहा है।
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