लोजपा के बंटवारे के बाद बिहार के पहले दौरे पर पहुंचे चिराग का जोरदार स्वागत
कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सामाजिक दूरी एवं अन्य मानदंडों का पालन किए जाने के आदेश के बावजूद जमुई के युवा सांसद चिराग पासवान के समर्थक भारी संख्या में उनका स्वागत करने पटना हवाई अड्डे पहुंचे थे।
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद पहली बार बिहार पहुंचे पार्टी नेता चिराग पासवान का सोमवार को यहां उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सामाजिक दूरी एवं अन्य मानदंडों का पालन किए जाने के आदेश के बावजूद जमुई के युवा सांसद चिराग पासवान के समर्थक भारी संख्या में उनका स्वागत करने पटना हवाई अड्डे पहुंचे थे। लोजपा सांसद एवं दिवंगत राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस भतीजे को हटाकर स्वयं लोकसभा में पार्टी के नेता पद पर आसीन हो गए थे। उसके बाद उनके गुट ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत कर दिया था।
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पारस ने यहां लोजपा मुख्यालय आयोजित एक कार्यक्रम में दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पारस ने इस मौके पर लोजपा के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान के लिए भारत रत्न पुरस्कार की मांग की थी। पारस इस समय हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और उन्होंने यहां पासवान की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुये दोहराया कि उनका भतीजा भटक गया था और उन्हें अलग होने के लिए मजबूर किया। चिराग हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से ‘आशीर्वाद यात्रा’ की शुरूआत करने सोमवार को दिल्ली से पटना पहुंचे तो हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही उनके समर्थकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।
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पटना उच्च न्यायालय की ओर जाने वाली सड़कें कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों सुनसान दिखती हैं क्योंकि अदालती कामकाज वर्चुअल माध्यम से हो रहा है लेकिन 38 वर्षीय नेता चिराग के आगमन पर ये सड़कें जाम हो गईं। नीली पगड़ी पहने चिराग पटना उच्च न्यायालय के समीप अवस्थित बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे। हालांकि, प्रतिमा परिसर का गेट बंद होने के कारण वह माल्यार्पण न कर पाने से नाराज हो गये और वहीं धरने पर बैठ गए।
चिराग का कहना था कि उन्होंने अपने कार्यक्रम की जानकारी पहले से ही प्रशासन को दी थी इसके बावजूद उन्हें इससे रोका गया। इस अवसर जमुई सांसद के साथ उनके समर्थक बड़ी तादाद में वहां मौजूद थे। कुछ देर वहीं बैठे रहने के बाद आंबेडकर मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर चिराग वहां से अपनी ‘‘आशीर्वाद यात्रा’’ की शुरूआत करने वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के लिये रवाना हो गये। वैशाली जिला के सुल्तानपुर गांव में लोजपा पार्टी संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती समारोह सह अपने आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करते हुए चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा वे दलित युवाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं।
उन्होंने पारस और परिवार के अन्य लोगों पर पीठ में खंजर भोंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिता की मौत के 9 महीने बाद ही पार्टी में बिखराव कर दिया और ऐसी स्थिति में मैं अपने पिता की कर्मभूमि के लोगों से आशीर्वाद मांगने आया हूं। इससे पूर्व नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पटना के लिए रवाना होने से पहलेचिराग ने अपने पिता को याद करते हुए कई ट्वीट किए और अपने पिता को जन्मदिन की बधायी देते हुए कहा, ‘‘आप की बहुत याद आती है। मैं आप को दिए वादे को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ।आप जहां कहीं भी हैं मुझे इस कठिन परिस्तिथि में लड़ते देख दुखी होंगे। आप ही का बेटा हूँ, हार नहीं मानूंगा। मैं जानता हूँ आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है।’’
पारस ने आरोप लगाया, ‘‘‘चिराग के एक तरफे फैसले और उनके रवैये और आचरण से पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका था। बिहार में पार्टी का अस्तित्व खतरे में था और मैंने पार्टी के अस्तित्व को बचाया है।’’ इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू,दिवंगत नेता की जयंती के अवसर पर इस शक्ति प्रदर्शन पर चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव, पहले ही चिराग को दिवंगत पासवान और लालू प्रसाद के बीच घनिष्ठ संबंधों की याद दिलाते हुए विपक्षी महागठबंधन में शामिल होने का परोक्ष रूप से न्योता दे चुके हैं।
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