नीतीश-तेजस्वी को मुश्किल में डाल सकती है चिराग की नई चाल, NDA में भी होगी वापसी, मिल सकता है इनाम!
रामविलास पासवान का दलितों में अच्छा खासा वोट था। 2020 के विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग में अपने दम पर उम्मीदवारों को उतारा था। पार्टी को इसमें सीट नहीं मिली लेकिन जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर रहने वाले एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान एक बार फिर से एनडीए में वापसी कर सकते हैं। अगर चिराग पासवान एनडीए में वापसी करते हैं तो कहीं न कहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दें कि चिराग पासवान रामविलास पासवान के बेटे हैं। रामविलास पासवान का दलितों में अच्छा खासा वोट था। 2020 के विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग में अपने दम पर उम्मीदवारों को उतारा था। पार्टी को इसमें सीट नहीं मिली लेकिन जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। खुद को प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान नीतीश कुमार के जबरदस्त आलोचक हैं। हालांकि, तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताते रहे हैं। क्योंकि अब तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ हैं। इसलिए चिराग उनका भी विरोध करेंगे।
इसे भी पढ़ें: बिहार में परीक्षा के दौरान हिजाब को लेकर विवाद, पुरुष शिक्षक पर लगाया आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप
मोकामा गोपालगंज में NDA का समर्थन!
फिलहाल बिहार की राजनीति गर्म है इसका कारण है कि बिहार में 2 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने वाले हैं। दोनों सीटों पर मुख्य मुकाबला आरजेडी बनाम भाजपा है। हालांकि दोनों सीटों पर रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार नहीं उतारा है। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से इशारा मिलने के बाद ही चिराग ने यह कदम उठाया है। चिराग की पार्टी के मैदान से बाहर हो जाने के बाद दोनों ही सीटों पर मुकाबला जबरदस्त होने की संभावना जताई जा रही है।
इसे भी पढ़ें: बिहार के बाद गुजरात और हिमाचल पर चिराग पासवान की नजर, विधानसभा चुनावों में उतारेंगे अपने उम्मीदवार
चिराग को मिलेगा मंत्री पद
खबर यह भी है कि चिराग पासवान को एनडीए में वापस लाए जाने की बात चल रही है। इतना ही नहीं, उन्हें तो मंत्रिमंडल में शामिल करने की भी बात जोरों पर है। दरअसल, बिहार चुनाव के बाद नीतीश कुमार की वजह से चिराग पासवान की भाजपा से दूरी बढ़ गई थी। हालांकि चिराग पासवान लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते रहे। रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो धरों में बंट गई। एक ओर जहां उनके चाचा पशुपति पारस थे तो वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान। पार्टी को दो अलग-अलग नाम भी मिल गए। वहीं, चिराग के चाचा पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में जगह मिली क्योंकि उनके साथ सांसद थे। चिराग पासवान उसके बाद हाशिए पर चले गए।
हिमाचल-गुजरात में चुनाव लड़ेगी चिराग की पार्टी
चिराग पासवान ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी हिमाचल-गुजरात में चुनाव लड़ेगी। पासवान ने कहा कि इस बारे में पार्टी को अभी यह निर्णय करना है कि वह दोनों राज्यों में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित होने के बाद पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया गया। चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम जल्द ही गुजरात में, पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उम्मीदवारों की सूची पर, फैसला करेंगे।
इसे भी पढ़ें: CBI की जमानत रद्द करने की मांग खारिज, कोर्ट ने तेजस्वी को दी चेतावनी- क्या डिप्टी सीएम रहते ऐसे बयान देने चाहिए?
नीतीश पर निशाना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और गलत नीतियों से बिहार और बिहारियों को बहुत नुकसान हुआ है। इसके परिणामस्वरूप, अपराध और भ्रष्टाचार राज्य में चरम पर हैं। उन्होंने कहा कि लोजपा(रामविलास) ने यह प्रस्ताव पारित किया और मांग की है कि केंद्र बिहार सरकार को बर्खास्त करे तथा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। मैंने हमेशा ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध किया है। मैं और मेरी पार्टी ऐसे किसी भी गठबंधन का समर्थन नहीं करेगी, जिसमें नीतीश कुमार शामिल होंगे।
अन्य न्यूज़