चिराग का भाजपा से मोहभंग? कहा- जब हनुमान को राम से मदद मांगनी पड़े तो कैसे हनुमान और कैसे राम
पार्टी में टूट और बगावत की स्थिति के लिए चिराग सीधे तौर पर नीतीश कुमार को ही जिम्मेदार मानते हैं। चिराग पासवान का सीधा आरोप है कि कि लोजपा में जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे जदयू का हाथ है। दूसरी ओर जदयू खेमे में भी खुशी दिखाई दे रही है। तभी तो उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा था जो जैसा बोएगा वैसा ही काटेगा।
लोक जनशक्ति पार्टी में जारी उठापटक के बीच चिराग पासवान का भाजपा से मोहभंग होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में लोजपा के पास सांसदों ने चिराग के खिलाफ बगावत कर उन्हें ना सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया बल्कि लोकसभा में संसदीय दल के नेता की कुर्सी भी छीन ली। इसी को लेकर चिराग पासवान ने पहले तो सुलह की कोशिश की लेकिन बात जब नहीं बनी तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटना का जिक्र किया। पार्टी में टूट और बगावत की स्थिति के लिए चिराग सीधे तौर पर नीतीश कुमार को ही जिम्मेदार मानते हैं। चिराग पासवान का सीधा आरोप है कि कि लोजपा में जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे जदयू का हाथ है। दूसरी ओर जदयू खेमे में भी खुशी दिखाई दे रही है। तभी तो उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा था जो जैसा बोएगा वैसा ही काटेगा।
इसे भी पढ़ें: LJP के संविधान में एक व्यक्ति एक पद का उल्लेख लेकिन 3 पद पर थे चिराग: पशुपति पारस
लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी बीजेपी की चुप्पी पर है। लोजपा में जारी उठापटक और राजनीति के बीच भाजपा चुप है। भाजपा ने तो इसे लोजपा का आंतरिक मसला बता कर खुद को अलग कर दिया है। लेकिन सवाल यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पर लगातार भाजपा के इशारे पर काम करने के आरोप लग रहे थे। यह भी कहा गया कि भाजपा के इशारे पर चिराग ने जदयू के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, यह बात तो सच है कि चिराग पासवान की वजह से जदयू को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। साथ ही साथ जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। चिराग नीतीश कुमार पर जमकर हमला करते थे। लोजपा में टूट के बीच बिहार की सियासत गरमा गई है। राजद और कांग्रेस लगातार चिराग को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: लोजपा में बगावत पर बोले चिराग- लड़ाई लंबी है, पीठ पीछे मेरे खिलाफ साजिश हुई
आपको यह भी बता दें कि वह चिराग पासवान ही थे जिनकी वजह से लोजपा की एनडीए में वापसी हुई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी लोजपा, जदयू और भाजपा तीनों ने एक साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन विधानसभा चुनाव आते-आते लोजपा का एनडीए से मोहभंग होने लगा। चिराग पासवान बिहार प्रथम बिहारी प्रथम के नारे के साथ चुनावी मैदान में नीतीश को चुनौती देने लगे। चिराग नीतीश पर हमलावर रहते थे और भाजपा और पीएम मोदी से अपनी दोस्ती की खुलकर बखान करते थे। चिराग पासवान ने कई चुनावी रैलियों में कहा कि नीतीश कुमार की छुट्टी हो जाएगी, भाजपा के नेतृत्व में एलजेपी सरकार बनाएगी।
इसे भी पढ़ें: चाचा-भतीजे में छिड़ी जंग, चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, समर्थकों ने किया पशुपति के घर का घेराव
इसी दौरान जब उन पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया गया तब चिराग ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था। इससे इस बात का साफ पता चल रहा था कि कहीं ना कहीं चिराग और भाजपा के बीच कोई डील जरूर हुई थी। पर वर्तमान परिस्थिति में ऐसा लग रहा है कि चिराग का भाजपा से मोहभंग हो रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ इसी तरह के सवालों का सामना करना पड़ा। चिराग से इस मसले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि देखेंगे कि इसमें जदयू के अलावा किसी और की भूमिका है या नहीं है। लेकिन उन्होंने भाजपा के चुप्पी पर तंज जरूर कसा और कहा कि कलयुग में राम ने ही हनुमान को धोखा दे दिया है। उसके बाद ऐसा लग रहा है कि चिराग का प्रधानमंत्री मोदी से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर हनुमान को राम से मदद मांगनी पड़े तो कैसे हनुमान और कैसे राम।
अन्य न्यूज़