गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराने का वीडियो आया सामने तो राहुल ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा- मोदी जी, चुप्पी तोड़िये
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में चीन ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराया, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर छाया हुआ है। जिसको लेकर भारत में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमारा तिरंगा गलवान में अच्छा दिखता है।
लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच गलवान घाटी का एक वीडियो सामने आया। जिसके लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी जी, चुप्पी तोड़िये। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा कि हमारा तिरंगा गलवान में अच्छा दिखता है। चीन को जवाब दिया जाना चाहिए। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो।
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दरअसल, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में चीन ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराया, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर छाया हुआ है। जिसको लेकर भारत में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की है। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नए साल के मौके पर भारत की गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया गया। 56 इंच का चौकीदार कहां हैं ?
Chinese flag rise over India's Galwan Valley on the New Year Day of 2022.
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 2, 2022
Where is 56" Chowkidar?pic.twitter.com/y3aNmNk39g
इससे पहले कांग्रेस ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों का नाम अपनी में करने को लेकर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा था कि अभी कुछ दिनों पहले हम 1971 के युद्ध में भारत की गौरवपूर्ण जीत को याद कर रहे थे। देश की सुरक्षा और विजय के लिए सूझबूझ और मजबूत फैसलों की ज़रूरत होती है। खोखले जुमलों से जीत नहीं मिलती।
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चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' की खबर के अनुसार चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है। चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। हालांकि भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को सिरे से खारिज कर दिया था और साफ शब्दों में कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।
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