खुफिया जानकारी जुटाने की तलाश में चीन? लद्दाख के पास पावर ग्रिड में लगाई सेंध
इंटेलिजेंस ग्रुप रिकॉर्डेड फ्यूचर ने रिपोर्ट को भारत सरकार को सौंपा है। इसके मुताबिक जो चाइनिज नेटवर्क है इसने सात राज्यों में लोड डिस्पैच सेंटर खासकर उत्तर भारत के सेंटरों पर सेंध लगाने की कोशिश की है।
चीन की तरफ से भारत के पावर ग्रिड में सेंधमारी कोशिश की गई है। लद्दाख के पास स्थित बिजली वितरण केंद्र चीनी हैकरों के निशाने पर था। दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन इंटेलिजेंस ग्रुप ने इसको लेकर सरकार को सावधान किया। हाल के महीनों में उत्तर भारत के सात स्टेट लोड डिसपैच सेंटर निशाने पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार चीनी हैकर्स ने लद्दाख के पास के उत्तरी भारत में सात लोड डिस्पैच सेंटरों को निशाना बनाया है। लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास के क्षेत्रों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली सप्लाई की करता है।
इसे भी पढ़ें: पुतिन का यही रुख जारी रहा तो भारत-चीन को भी अपना मुंह खोलना पड़ जायेगा
इंटेलिजेंस ग्रुप रिकॉर्डेड फ्यूचर ने रिपोर्ट को भारत सरकार को सौंपा है। इसके मुताबिक जो चाइनिज नेटवर्क है इसने सात राज्यों में लोड डिस्पैच सेंटर खासकर उत्तर भारत के सेंटरों पर सेंध लगाने की कोशिश की है। रिपोर्ट के अनुसार चीन के कुछ चुनिंदा प्रायोजित हैकर्स काफी समय से इसरी रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं। चीन से संबंधित कुछ ग्रुप भी इस तरह की हरकत के माध्यम से खुफिया जानकारी प्राप्त करने की तलाश में रहते हैं।
भारत-चीन संघर्ष
2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया। घटना के बाद, दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी, जिसके परिणामस्वरूप घर्षण बिंदुओं पर तनाव बढ़ गया। दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कई दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हुई। बाद में, फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि चीन के साथ निरंतर बातचीत के कारण पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे में डिसइंगेजमेंट को लेकर समझौता हुआ।
अन्य न्यूज़