Chhath Puja 2023 : देशभर में छठ पूजा की धूम, दिया गया डूबते सूर्य को अर्घ्य
कार्तिक शुक्ल पक्ष की सृष्टि तिथि को महिलाएं छठ का व्रत रखती है। शाम के समय किसी ने दिया तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पानी में दूध डालकर अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान व्रती महिला के साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद होते हैं।
देशभर में धूमधाम से छठ पूजा मनाई जा रही है। 19 नवंबर यानि रविवार को श्रद्धालुओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य देवता की पूजा की। सूर्यास्त होने पर सूर्य देवता को वर्ग देकर इस पूजा की शुरुआत की गई। इसके बाद सुबह सूर्य देवता को वर्ग देकर ही इस पूजा का समापन भी किया जाएगा।
छठ पूजा बेहद पवित्र पूजा मानी जाती है जिसमें इस्तेमाल होने वाले तमाम फल व पकवान लेकर श्रद्धालु छठ घाटों पर पूजा के लिए पहुंचते हैं। इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हुई थी। नहाए खाए के साथ इस पूजा की शुरुआत होती है। इस महापर्व के दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अर्घ्य और चौथे दिन पारण दिया जाता है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की सृष्टि तिथि को महिलाएं छठ का व्रत रखती है। शाम के समय किसी ने दिया तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पानी में दूध डालकर अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान व्रती महिला के साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद होते हैं।
ऐसे होगा समापन
इस पूजा का समापन 20 नवंबर को होगा। सुबह सूर्य की पहली किरण निकलने के साथ ही सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा और पूजा समाप्त होगी। छठ का महापर्व स्वच्छता का प्रतीक है। ये महापर्व देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हर वर्ष हजारों की संख्या में छठ पूजा करने के लिए श्रद्धालु घाटों पर आते है। रविवार की शाम राजधानी पटना में पवित्र नदी गंगा के विभिन्न घाटों और तालाब किनारे राज्य के विभिन्न भागों में श्रद्धालु डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देवी ‘छठी मैया’ की पूजा करेंगे। बिहार सरकार द्वारा इस महापर्व को लेकर राज्य भर में व्यापक व्यवस्था की गई है। छठ पूजा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने यहां गंगा नदी के सभी 100 घाटों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। इसके अलावा, पटना के विभिन्न घाटों पर कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।
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