25 साल बाद चुनाव हारते ही 'अधीर' हुए चौधरी, कहा- आने वाला समय बेहद कठिन
अधीर रंजन ने चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद कहा कि मैं खुद को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सांसद कहता हूं। मेरे पास राजनीति के अलावा कोई अन्य कौशल नहीं है। इसलिए आने वाले दिनों में मुझे अपने लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और मुझे नहीं पता कि उनसे कैसे पार पाया जाए।
कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने आने वाले दिनों में अपने लिए मुश्किलों का जिक्र किया है। उनका यह बयान बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में हार के बाद आया है, जिसने उन्हें लोकसभा में लगातार पांच बार मौका दिया। हाल ही में हुए आम चुनावों में धरी पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान से 85,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए पठान को चौधरी के 439,494 वोटों के मुकाबले 524,516 वोट मिले।
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उन्होंने चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद कहा कि मैं खुद को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सांसद कहता हूं। मेरे पास राजनीति के अलावा कोई अन्य कौशल नहीं है। इसलिए आने वाले दिनों में मुझे अपने लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और मुझे नहीं पता कि उनसे कैसे पार पाया जाए। मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के कटु आलोचक वरिष्ठ राजनेता ने यह भी बताया कि वह क्यों सोचते हैं कि वह बीपीएल सांसद हैं। इस (पश्चिम बंगाल) सरकार से लड़ने के अपने प्रयास में, मैंने अपनी आय के स्रोतों की उपेक्षा की है।
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चौधरी ने आगे कहा कि वह अपना आधिकारिक आवास खाली करने के लिए जल्द ही दिल्ली जाने की योजना बना रहे हैं, उन्होंने कहा कि एक छात्र होने के नाते, उनकी बेटी अक्सर अपनी पढ़ाई के लिए इस जगह का उपयोग करती है। अनुभवी नेता से यह भी पूछा गया कि क्या वह अपनी हार के बाद भी पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) प्रमुख बने रहेंगे। उन्होंने जवाब दिया कि वह पहले ही पद से इस्तीफा देना चाहते थे। मैंने अपने नेताओं से इस काम के लिए मुझसे अधिक योग्य किसी व्यक्ति को खोजने का आग्रह किया।
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