Chandrayaan 3: चंद्रमा के करीब पहुंचा चंद्रयान, दूसरी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक बार फिर कक्षा बदलने की प्रक्रिया (अर्थबाउंड-फाय¨रग-2) सफलतापूर्वक पूरा कर चंद्रयान-3 को पृथ्वी की अगली और बड़ी कक्षा में भेज दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान की दूसरी कक्षा को स्थापित करने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा कि अंतरिक्ष यान अब अपनी 41,603 किलोमीटर x 226 किलोमीटर की कक्षा में है। चंद्रयान-3 की कक्षा फिर बदली गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक बार फिर कक्षा बदलने की प्रक्रिया (अर्थबाउंड-फाय¨रग-2) सफलतापूर्वक पूरा कर चंद्रयान-3 को पृथ्वी की अगली और बड़ी कक्षा में भेज दिया है।
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चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान की पहली कक्षा उत्थान प्रक्रिया सफलतापूर्वक निष्पादित की गई। 14 जुलाई को इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के तीसरे संस्करण को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है जिससे भारत को एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
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अब तक, केवल तीन देश - संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस - चंद्रमा की सतह पर उतरने में कामयाब रहे हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार, चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान 3 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने की उम्मीद है।
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