चंद्रयान-एक को भी प्रक्षेपण के पहले करना पड़ा था गड़बड़ी का सामना: पूर्व इसरो प्रमुख

chandrayaan-1-too-faced-glitch-before-launch-says-former-isro-chief
[email protected] । Jul 16 2019 10:08AM

वर्ष 2008 में चंद्रयान-एक के प्रक्षेपण के दौरान अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष रहे नायर ने कहा कि अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने गड़बड़ी का पता लगाकर इसे ठीक कर लिया और मिशन को योजना के मुताबिक अंजाम दिया गया।

नयी दिल्ली। चंद्रयान-दो का प्रक्षेपण टाले जाने के कुछ घंटे बाद पूर्व इसरो प्रमुख के माधवन नायर ने सोमवार को याद दिलाया कि चांद के लिए भारत के पहले मिशन में भी रॉकेट के प्रक्षेपण के कुछ पहले इसी तरह की गड़बड़ी का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2008 में चंद्रयान-एक के प्रक्षेपण के दौरान अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष रहे नायर ने कहा कि अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने गड़बड़ी का पता लगाकर इसे ठीक कर लिया और मिशन को योजना के मुताबिक अंजाम दिया गया। चंद्रयान-एक ने सक्रिय रहने के दौरान 312 दिनों में चंद्रमा के चारों ओर 3,400 से अधिक परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के कणों की मौजूदगी का पता लगाया।

इसे भी पढ़ें: तकनीकी खामी के चलते टला चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण, नई तारीख का जल्द होगा ऐलान

इसरो ने कहा है कि प्रक्षेपण यान प्रणाली में तकनीकी खामी दिखी। एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टाल दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। वर्ष 2008 की घटना को याद करते हुए नायर ने कहा कि चंद्रयान एक के प्रक्षेपण के दो घंटे पहले प्रणोदक में लीकेज का पता चला। इसे सुधार लिया गया और उसी दिन मिशन को अंजाम दिया गया। चंद्रयान-दो का जिक्र करते हुए इसरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि वैज्ञानिकों को गैस बोतलों में एक को दबावीकृत करते समय शायद लीकेज का पता चला था।

इसे भी पढ़ें: चंद्रमा के मिशन पर जाने को तैयार चंद्रयान-2, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार उतरेगा कोई यान

नायर ने कहा कि यह पता लगाया जाएगा कि असल में यह कहां हुआ और सुधार के कदम उठाए जाएंगे। अब यह प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण के पहले इस तरह की गड़बड़ी ‘असमान्य’ नहीं है । उन्होंने कहा कि समय रहते खामी का पता लगने से बर्बादी से बच गए। नायर ने कहा कि चंद्रमा मिशन की सफलता दर करीब 60 प्रतिशत है। उपग्रह प्रक्षेपण की तुलना में चंद्रमा मिशन बहुत जटिल होता है। हालांकि पिछले छह दशकों से ज्यादा के अनुभवों के कारण सफलता दर में सुधार हो रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़