Gangasagar मेले को नहीं मिली उचित मान्यता, Mamata Banerjee ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार

Mamata Banerjee
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बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए एक पुल बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र से कोई मदद नहीं मिली है। यह हमारी सरकार है जो सबकुछ कर रही है।’’

पश्चिम बंगाल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि हालांकि गंगासागर मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है लेकिन केंद्र ने इसे उचित मान्यता नहीं दी है। दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार है जो केंद्र से कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद वार्षिक आयोजन के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कुंभ मेला एक बड़ा मेला है और इसे केंद्र से पूरी मदद मिलती है। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि कुंभ मेला स्थल सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। 

 

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गंगासागर मेला एक द्वीप पर आयोजित होता है और यह दुनिया में इस तरह के सबसे बड़े मेलों में से एक है लेकिन मुझे नहीं पता कि केंद्र ने अब तक इसे उचित मान्यता क्यों नहीं दी है।’’ बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए एक पुल बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र से कोई मदद नहीं मिली है। यह हमारी सरकार है जो सबकुछ कर रही है।’’

 

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बनर्जी ने दोपहर के समय मेले की तैयारियों की समीक्षा की और कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाला गंगासागर मेला 17 जनवरी तक चलेगा। इस वर्ष देश भर से लगभग 40 लाख लोगों के मेले में शामिल होने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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