केंद्र ने निजी टीकाकरण केंद्रों की ‘धीमी गति’ पर गंभीर चिंता जतायी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ टीकाकरण अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और इस दौरान टीकों के ऑर्डर, खुराक को प्राप्त करने तथा भुगतान में देरी समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी।
नयी दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि कुछ राज्यों में निजी केंद्रों द्वारा कोविड-19 रोधी टीके खरीदने और उन्हें लगाने की धीमी गति ‘‘गंभीर चिंता’’ का कारण है तथा उसने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को रोज स्थिति की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि टीकों की खुराक के लिए मांग पत्र तुरंत टीका निर्माताओं को भेजे जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ टीकाकरण अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और इस दौरान टीकों के ऑर्डर, खुराक को प्राप्त करने तथा भुगतान में देरी समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। भूषण ने कहा कि कई निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (पीसीवीसी) ने कोविड-19 टीकों की निर्धारित मात्रा के लिए कोई मांग पत्र नहीं दिया है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई राज्य सरकारों को पीसीवीसी द्वारा टीके खरीदने की सुविधा देने की आवश्यकता है। उसने कहा, ‘‘राज्यों को दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि निजी टीका निर्माताओं को टीकों की निर्धारित मात्रा के लिए जल्द मांग पत्र दिया जाए।’’ बयान में कहा गया है कि कई मामलों में राज्य सरकार ने कोविड-19 टीकों के लिए मांगपत्र दिया लेकिन पूरा भुगतान नहीं किया गया। इसमें कहा गया है, ‘‘कुछ मामलों में जितनी खुराक मंगायी गयी थी उसके लिए पूरा भुगतान नहीं किया गया। राज्य सरकारों तथा पीसीवीसी को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि मांगे गए टीकों की खुराक और भुगतान के बीच अंतर शून्य रखा जाए।’’
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इस बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भाग लिया। दो कोविड रोधी टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के नोडल प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए। पीसीवीसी के जरिए टीकाकरण की धीमी गति पर राज्यों को स्थिति की समीक्षा करने की सलाह दी गयी। बयान में कहा गया है, ‘‘उन्हें गति तेज करने और पीसीवीसी तथा टीका निर्माताओं के बीच प्रभावी समन्वय पैदा करने की सलाह दी जाती है।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों तथा पीसीवीसी के नोडल अधिकारियों को को-विन पर मांगपत्र रखने, टीकों की निर्धारित मात्रा के लिए भुगतान करने आदि के लिए पांच क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की है।
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