CBI आबकारी मामले में मुझे फंसाने की कोशिश कर रही : सिसोदिया

Manish Sisodia on CBI
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ANI

सिसोदिया ने रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ फर्जी मामला बनाने के लिए सीबीआई द्वारा जब्त सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) में मौजूद रिकॉर्ड में कुछ जोड़ने, हटाने और संपादित किए जाने की गुंजाइश है।

नयी दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन्हें दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाने की कोशिश में है और इसी वजह से उनका कंप्यूटर जब्त किया गया है। हालांकि, सीबीआई ने सिसोदिया के इस आरोप का खंडन किया है। दिल्ली आबकारी नीति के संबंध में कुछ रिकॉर्ड लेने के लिए सीबीआई की एक टीम शनिवार को सिसोदिया के दफ्तर गई थी। सिसोदिया ने रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ फर्जी मामला बनाने के लिए सीबीआई द्वारा जब्त सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) में मौजूद रिकॉर्ड में कुछ जोड़ने, हटाने और संपादित किए जाने की गुंजाइश है।

उन्होंने आरोप लगाया, “जब्ती के वक्त ‘हैश वैल्यू’ (एक ‘इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट’, जिसके तहत फाइल में मौजूद डेटा को एल्गॉरिद्म के रूप में सहेजा जाता है और जो डेटा की सत्यनिष्ठता को प्रमाणित करने के लिए अहम माना जाता है) की अनुपस्थिति की वजह से सीबीआई मुझे दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाने के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक सीपीयू में मौजूद रिकॉर्ड को बदल सकती है।” सिसोदिया ने दावा किया, “मुझे स्पष्ट अंदेशा है कि सीबीआई ने सीपीयू को उसमें मौजूद फाइल/दस्तावेज़ों को नष्ट करने के लिए जब्त किया है। जांच एजेंसी सीपीयू में नयी फाइल डालेगी, पुरानी हटाएगी या उसे संपादित करेगी और उसका इस्तेमाल मुझे गलत तरीके से फंसाने के लिए करेगी, क्योंकि मेरा नाम उपरोक्त मामले के संबंध में सीबीआई के आरोप पत्र में एक आरोपी के तौर पर नहीं है।”

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सिसोदिया ने कहा, “आबकारी मामले में सीबीआई/ईडी की जांच अगस्त 2022 से चल रही है। इसमें मेरे खिलाफ कोई सामग्री नहीं मिली है।” उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि सीबीआई ने आरोप पत्र दायर करने के बाद भी इस मामले में अपनी जांच जारी रखी है। सिसोदिया ने कहा कि यह साफ तौर पर दर्शाता है कि एजेंसी ने सुरक्षा प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जो सीबीआई नियमावली और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ की सत्यनिष्ठा को सुनिश्चित करता। उन्होंने दावा किया कि शनिवार को जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों ने कानून की निगाह में अपनी प्रमाणिता खो दी है।

सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि उनके निजी सचिव को दिया गया नोटिस हाथ से लिखा गया था। जांच एजेंसी ने हालांकि, सिसोदिया के आरोपों को खारिज किया है।सीबीआई के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, “किसी भी तलाशी या जब्ती के दौरान, सीबीआई कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन करती है।” अरविंद केजरीवाल नीत सरकार की आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में कथित अनियमितता को लेकर सीबीआई द्वारा पिछले साल दर्ज मामले में सिसोदिया एक आरोपी हैं। हालांकि, सीबीआई ने नवंबर में दायर आरोप पत्र में उनका नाम शामिल नहीं किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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