चिदंबरम को जमानत देने के फैसले के खिलाफ CBI की पुनर्विचार याचिका खारिज

Chidambaram

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त, 2019 को पी चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। जांच ब्यूरो ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया था।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को जमानत देने के फैसले पर पुनर्विचार के लिये केन्द्रीय जांच ब्यूरो की याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने पिछले साल 22 अक्टूबर को इस मामले में चिदंबरम को जमानत देते हुये कहा था कि न तो उनके देश से भागने का खतरा है और न ही उनके मुकदमे की सुनवाई से भागने की संभावना है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने दो जून को सीबीआई की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुये कहा कि उनके 22 अक्टूबर, 2019 के फैसले में ऐसी कोई खामी नहीं है जिसके लिये इस पर फिर से विचार किया जाये। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘पुनर्विचार याचिका पर न्यायालय में मौखिक सुनवाई करने का आवेदन अस्वीकार किया जाता है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे संबंधित दस्तावेजों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया है और इस बात से संतुष्ट हैं कि उस आदेश में किसी प्रकार की खामी नहीं है जिस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया ’’ पीठ ने कहा, ‘‘तद्नुसार पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है।’’ पुनर्विचार याचिका खारिज करने संबंधी आदेश बृहस्पतिवार को न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। 

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केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त, 2019 को पी चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। जांच ब्यूरो ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया था। इसमें आरोप था कि 2007 में बतौर वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रूपए प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमिततायें हुयी थीं। हालांकि, चिदंबरम ने इन आरोपों से इंकार किया था। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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