CBI कार्रवाई के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, दिन भर के लिए बैठक स्थगित
तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और राजद के मनोज झा ने सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग की।
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सीबीआई कार्रवाई के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए। उच्च सदन की बैठक सुबह शुरू होने पर तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और राजद के मनोज झा ने सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले को शून्यकाल में उठाने का परामर्श देते हुये नोटिस को अस्वीकार कर दिया।
इस पर तृणमूल सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी। डेरेक ओ ब्रायन ने शून्य काल को स्थगित कर उनके नोटिस पर चर्चा कराने की मांग की। संसदीय कार्यराज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिये दस घंटे का समय निर्धारित किया गया है। विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर शून्यकाल में चर्चा की जा सकती है। गोयल ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्षी दलों को राजनीति नहीं करना चाहिये। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल संवैधानिक संकट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : SC के फैसले को ममता ने नैतिक जीत बताया, कहा- एकजुट होकर लड़ेंगे PM के खिलाफ
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुये आसन के समक्ष आकर नारेबाजी शुरू कर दी। अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर सीबीआई का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। सदन में हंगामा थमते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 12 मिनट पर सदन की बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया। इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने भारत रत्न के लिए चुने गये प्रणब मुखर्जी और दिवंगत नानाजी देशमुख और पद्म सम्मान के लिये चुने गये हुकुमदेव नारायण यादव, कुलदीप नैयर, सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा को बधाई दी। ये सभी उच्च सदन के सदस्य रह चुके हैं।
एक बार के स्थगन के बाद बैठक जब दोपहर दो बजे शुरू हुई, तब पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई का मुद्दा फिर हंगामे की वजह बन गया। दो बजे बैठक शुरू होने पर उप सभापति हरिवंश ने वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन से अनुपूरक अनुदान मांगों 2018-19 (फरवरी, 2019) का विवरण पेश करने को कहा। राधाकृष्णन ने वित्त मंत्री पीयूष गोयल की ओर से यह विवरण सदन के पटल पर रखा। हरिवंश ने भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव से राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिए कहा। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए इस पर तत्काल चर्चा की मांग की।
इसे भी पढ़ें : जेटली ने बोला विपक्ष पर हमला, कहा- चोर तंत्र सत्ता पर करना चाहता है कब्जा
डेरेक की मांग के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। उप सभापति ने तृणमूल सदस्यों से कहा कि आपको सुबह ही स्पष्ट किया जा चुका है कि आप राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं। हरिवंश ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कराना सभी का संवैधानिक दायित्व है। इसलिये सभी दलों को सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे पारित किया जाए। सदन में मौजूद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था आ चुकी है। ये (तृणमूल कांग्रेस) खुद कह रहे हैं कि यह नैतिकता की जीत है, फिर सदन में हंगामा क्यों किया जा रहा है। इससे तो कथनी और करनी में अंतर साफ जाहिर हो रहा है।
इसी बीच, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर सीबीआई का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध किया। हरिवंश ने सदस्यों से राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने की अपील की। हंगामा थमते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के करीब तीन मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक कल सोमवार को भी नहीं चल पाई थी।
अन्य न्यूज़