व्यपाम घोटाले को लेकर सीबीआई ने 160 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट, अब तक 650 आरोपियों पर दायर हुई है चार्जशीट

Vyapam scam in mp
सुयश भट्ट । Feb 19 2022 1:05PM

सीबीआई के विशेष अभियोजक सतीश दिनकर ने कहा कि व्यापम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे नितीरात सिंह सिसोदिया की विशेष सीबीआई कोर्ट में गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया गया। इसमें एमपी के पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल और राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के दो अधिकारियों समेत 160 नए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है।

भोपाल। सीबीआई ने बड़ी कार्यवाही करते हुए व्यापम परीक्षा और भर्ती में 2013 प्री मेडिकल टेस्ट में धांधली करने के आरोप में एमपी के तीन मेडिकल कॉलेजों के अध्यक्षों समेत 160 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट  दायर की है। इसी के साथ घोटाला करने वाले 650 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है।

दरअसल सीबीआई के विशेष अभियोजक सतीश दिनकर ने कहा कि व्यापम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे नितीरात सिंह सिसोदिया की विशेष सीबीआई कोर्ट में गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया गया। इसमें एमपी के पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल और राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के दो अधिकारियों समेत 160 नए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है।

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दिनकर ने कहा कि 56 उम्मीदवारों ,46 व्यक्तियों मोडिकल कोर्स के लिए उम्मीदवारों के 13 अभिभावकों और 9 बिचौलियों को भी चार्जशीट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ धारा 120, 420, 467, 468 और अन्य प्रासंगिक मामलों के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

सूत्रों को अनुसार चार्जशीट में अजय गोयनका, एस एन विजयवर्गीय और सुरेश सिंह भदौरिया, चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन भी शामिल हैं।

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वहीं कोर्ट ने महामारी के मद्देनजर आरोपियों को कोर्ट में बेचों में पेश करने की सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली है। दिनकर ने कहा कि उन्हें 22 फरवरी से 12 मार्च के बीच कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हुए ककोर्ट में पेश किया जाएगा।

आपको बता दें कि व्यापम या मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल में घोटाला साल 2013 में सामने आया था। इसमें उम्मीदवारों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को लिखने के लिए दूसरों को तैनात करके अधिकारियों को रिश्वत दी थी और परीक्षा में धांधली की थी। बताया जाता है कि यह घोटाला 1995 में शुरू हुआ। इसमें राजनेता, वरिष्ठ अधिकारी और व्यवसायी शामिल थे।

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