अधिकारी और भाजपा विधायक के कहने पर चलाया था बुलडोजर : अंकिता भंडारी हत्याकांड का गवाह

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मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से मामले में 97 गवाह बनाए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी। ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। पुलकित के पिता विनोद आर्य भाजपा में थे लेकिन घटना के सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। घटना का खुलासा होने के बाद से तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं।

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के गवाह बुलडोजर चालक दीपक ने कहा कि उसने तत्कालीन उपजिलाधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक के कहने पर वनंत्रा रिजॉर्ट में जेसीबी चलाई थी। यहां शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र के रहने वाले दीपक ने कहा कि उसने तत्कालीन उपजिलाधिकारी और मौजूदा यमकेश्वर विधायक रेनु बिष्ट के निर्देश पर जेसीबी चलाकर रिजॉर्ट का गेट, चारदीवारी, दो कमरों की दीवारें और खिड़कियां तोड़ी थीं। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर और अमित सजवाण ने बताया कि दीपक ने अदालत को बताया कि उस दौरान वह सत्येंद्र सिंह रावत की जेसीबी चलाता था और उनके निर्देश पर वह 23 सितंबर 2022 को जेसीबी लेकर वनंत्रा रिजॉर्ट गया था।

उसने बताया कि तत्कालीन उपजिलाधिकारी के निर्देश पर उसने रिजॉर्ट का गेट और चारदीवारी तोड़ दी और उसके बाद वह हरिद्वार की ओर रवाना हो गया। दीपक ने बताया कि हरिद्वार में वह शिवमूर्ति के पास पहुंचा ही था कि तभी यमकेश्वर की विधायक रेनू बिष्ट के निजी सहायक ने फोन कर उसे फिर जेसीबी के साथ रिजॉर्ट पहुंचने को कहा। गवाह ने बताया कि वह जेसीबी लेकर फिर रिजॉर्ट पहुंचा तो वहां पर विधायकबिष्ट भी मौजूद थीं और उनके निर्देश पर ही उसने दो कमरों की दीवारें व खिड़कियां तोड़ दीं। उसने बताया कि विधायक ने उस रात उसे रिजॉर्ट में ही बगल वाले कमरे में ठहरा दिया था। दीपक के अलावा अभियोजन पक्ष की ओर से घटना के दिन लक्ष्मण झूला थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों रवींद्र सिंह और राजवीर सिंह को भी बतौर गवाह पेश किया गया।

रवींद्र सिंह ने हत्याकांड के मुकदमे से संबंधित माल और दस्तावेज न्यायालय में लाने व अदालत के आदेश पर उन्हें देहरादून में विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून में दाखिल कराने की बात बताई। राजवीर ने बताया कि 10 अक्टूबर 2022 को वह माल खाने से संबंधित डीवीआर को अदालत के आदेश से सीएफएसएल चंडीगढ़ परीक्षण के लिए ले गया था। अंकिता के परिजनों के अधिवक्ता अजय पंत व नरेंद्र गोसाई ने बताया कि इस मुकदमे में अब तक 33 लोगों की गवाही कराई जा चुकी है। मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से मामले में 97 गवाह बनाए गए हैं।

मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी। ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। पुलकित के पिता विनोद आर्य भाजपा में थे लेकिन घटना के सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। घटना का खुलासा होने के बाद से तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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