बंटवारे के सालों बाद मिले भाई बहन, देखते ही पूछा, कित्थे खो गए थे..... छलक उठा दर्द
यहां महिला ने वर्षों के बाद अपने भाई को गले लगाया। भाई को देखकर महिला के आंसू नहीं रुके। पाकिस्तान के शेखूपुरा के गुरदास गांव की सकीना बी अपने भाई गुरमेल सिंह ग्रेवाल से वर्षों के बाद मिल सकी।
इन दिनों पाकिस्तान और भारत से इधर उधर जा रही महिलाएं (अंजू-सीमा) को लेकर लगातार चर्चा जारी है। इसी बीच एक कहानी ने लोगों को फिर से बंटवारे की कड़वी यादों के बीच रुला दिया। छह अगस्त यानी रविवार को भाई-बहन के मिलन के बेहद ही भावुक पल देखने को मिले जो एक दूसरे से पूरे 74 वर्षों के बाद मिले थे।
गौरतलब है कि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था तो कई लोगों के घर-परिवार तहस नहस हो गए थे। इस बंटवारे की टीस से आज भी लाखों परिवार जूझ रहे है। इसी बीच रविवार छह अगस्त को करतारपुर कॉरिडोर पर कुछ ऐसा हुआ जिससे वहां लोगों की आंखें नम हो गई। यहां एक पाकिस्तानी महिला 74 वर्षों के बाद अपने भारतीय भाई से मिल सकी। भाई-बहन एक दूसरे को देखने के बाद आंसूओं से रोने लगे।
यहां महिला ने वर्षों के बाद अपने भाई को गले लगाया। भाई को देखकर महिला के आंसू नहीं रुके। पाकिस्तान के शेखूपुरा के गुरदास गांव की सकीना बी अपने भाई गुरमेल सिंह ग्रेवाल से वर्षों के बाद मिल सकी। सकीना को 1961 में अपनी मां के एक पत्र से अपने भाई के होने की जानकारी मिली, जिसके बाद पाकिस्तान में रहते हुए वो वर्षों तक अपने भाई को ढूंढती रही। करतारपुर कॉरिडोर ने महिला की तलाश को पूरा किया जहां भाई-बहन एक दूसरे से मिल सके।
भाई और बहन के बीच हुई वर्षों के बाद इस मुलाकात को पाकिस्तान के यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने अपनी पंजाबी लहर प्रोजेक्ट के जरिए सफल बनाया है। उनका ये प्रोजेक्ट दोनों देशों के पिछड़े परिवारों को मिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है। बीते साल ही नासिन ढिल्लन को सकीना से पता चला था कि वो अपने भाई को खोज रही है, जिसके बाद उन्होंने बेहद भावुक अपील पोस्ट की थी। इस अपील के बाद भारत स्थित पंजाब के लुधियाना के जस्सेवाल सूदन गांव के सरपंच जगतार सिंह ने पुष्टि की कि गुरमेल सिंह उनके गांव में रहते है।
बता दें कि कहानी वर्षों पुरानी है, बंटवारे के समय की। सकीना की मां करमते बी लुधियाना के नूरपुर गांव में रहती थी जहां से उनका अपहरण हो गया था। इसी बीच उनका परिवार पाकिस्तान पहुंच गया। बाद में करमते बी को लाने के लिए उनके पति ने सरकार से गुहार लगाई की उनकी पत्नी और बेटे को लाया जाए। सकीना ने बताया कि जब पुलिस उनकी मां को लेने पहुंची तो वो उनका भाई खेलने गया हुआ था। ऐसे में वो गांव में ही रह गया।
पाकिस्तान जाने के बाद सकीना का जन्म हुआ जहां बाद में उसे अपने परिवार से अपने भाई के बारे में जानकारी मिली। उनसे अपने भाई की तस्वीर को अपने पास रखा। इसके बाद कुछ समय पहले सकीना की कहानी को ऑनलाइन वायरल किया गया।
इसी बीच इन सभी प्रयासों से रविवार को वो मौका आया जब सकीना और उनका भाई गुरमेल सिंह की मुलाकात हो सकी। इस पल को देखकर गुरमेल सिंह आवक रह गए। सकीना ने अपने भाई को गले लगाया और आंसुओं से अपनी खुशी जाहिर की। दोनों ही परिवारों ने एक दूसरे से मिलते हुए उपहारों का आदान प्रदान भी किया। सकीना अपने भाई के लिए घड़ी और चांदी की राखी लेकर पहुंची थी। वहीं गुरमेल अपने गांव के खास बिस्कुट उनके लिए ले गए थे।
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