भाजपा ने शिवसेना का एक वोट अयोग्य घोषित कराने के लिए निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया: राउत

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महाराष्ट्र से शिवसेना के संजय पवार के राज्यसभा चुनाव हारने और भाजपा के धनंजय महाडिक के विजयी होने के बाद, पार्टी नेता संजय राउत ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना का एक वोट अयोग्य घोषित कराने के लिए निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया।

मुंबई। महाराष्ट्र से शिवसेना के संजय पवार के राज्यसभा चुनाव हारने और भाजपा के धनंजय महाडिक के विजयी होने के बाद, पार्टी नेता संजय राउत ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना का एक वोट अयोग्य घोषित कराने के लिए निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की जीत उतनी बड़ी नहीं है जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार ने पहली प्राथमिकता वाले अधिक मत प्राप्त किये हैं। राउत ने स्वयं राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल की है।

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उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भाजपा के प्रत्याशी ने विजय हासिल की है। पहली प्राथमिकता वाले 33 मत पवार को मिले हैं।” उन्होंने कहा कि महाडिक को पहली प्राथमिकता वाले 27 मत प्राप्त हुए हैं। राउत ने कहा, “वह दूसरी प्राथमिकता वाले मतों के आधार पर जीते हैं।” महाराष्ट्र से कड़े मुकाबले में भाजपा के पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और महाडिक राज्यसभा चुनाव में विजयी हुए हैं। शिवसेना से राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी संसद के उच्च सदन में पहुंचे हैं। कुल 284 वैध मतों में से गोयल को 48, बोंडे को 48, महाडिक को 41. 56, राउत को 41, प्रतापगढ़ी को 44 और पटेल को 43 मत प्राप्त हुए। चुनाव के नियमों का उल्लंघन होने के आरोपों और मतों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर भाजपा और शिवसेना दोनों ने निर्वाचन आयोग का रुख किया। आयोग ने महाराष्ट्र के राज्यसभा निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि शिवसेना के विधायक सुहास कांदे के मत को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद देर रात एक बजे के पश्चात मतगणना शुरू हुई।

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राउत ने कहा, “दिल्ली में निर्वाचन आयोग पर दबाव डालकर हमारे एक मत (विधायक कांदे) को अयोग्य घोषित करा दिया गया। हमने उनके मतों को अवैध घोषित करने की याचिका डाली थी लेकिन आयोग ने उनका साथ दिया। महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उससे निर्वाचन आयोग के कामकाज पर सवाल उठते हैं।” राउत ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में पवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई थी लेकिन कुछ विधायकों ने उनके लिए वोट नहीं किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी के शीर्ष नेताओं ने भी संजय पवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी।

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