फडणवीस ने निर्दलीय विधायकों को प्रतिद्वंद्वी खेमे से दूर रखने का चमत्कार किया : शरद पवार
महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीट में से तीन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि वह नतीजों को देखकर जरा भी आश्चर्यचकित नहीं हैं।
पुणे। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीट में से तीन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि वह नतीजों को देखकर जरा भी आश्चर्यचकित नहीं हैं और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ‘विभिन्न उपायों से’ निर्दलीय विधायकों को प्रतिद्वंद्वी खेमे से दूर रखने का ‘चमत्कार’ करने में सफल रहे। पवार ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को एक अतिरिक्त वोट निर्दलीय विधायक का मिला, जिसका झुकाव विपक्षी खेमे की तरफ था।
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महाराष्ट्र में शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक ने जीत दर्ज की। वहीं, शिवसेना के संजय राउत, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी भी राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि, शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार को भाजपा के महादिक के हाथों हार का सामना करना पड़ा। शरद पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं नतीजे देखकर हैरान नहीं हूं। अगर आप (महा विकास आघाडी के सभी घटक दलों) राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस के प्रत्येक उम्मीदवार के पक्ष में पड़े वोटों पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि उन्हें कोटे के अनुसार मत मिले। सिर्फ प्रफुल्ल पटेल (राकांपा प्रत्याशी) को एक अतिरिक्त वोट हासिल हुआ और मुझे पता है कि यह कहां से आया। यह एमवीए का वोट नहीं था, यह विपक्षी खेमे से डाला गया था।” राकांपा प्रमुख ने कहा कि छठी सीट (जिस पर शिवसेना ने अपना प्रत्याशी उतारा था) पर बड़ा अंतर था, लेकिन एमवीए ने हिम्मत दिखाई और भरपूर प्रयास किया।
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उन्होंने कहा कि भाजपा को ज्यादा निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल था, लेकिन भाजपा और एमवीए, दोनों के लिए कुल वोट पर्याप्त नहीं थे। शरद पवार ने कहा, “एमवीए ने कुछ वोट कम होने के बावजूद छठी सीट पर जीत हासिल करने के लिए साहसिक प्रयास किया, लेकिन हमें उस ‘चमत्कार’ को स्वीकार करना होगा, जिसके तहत भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस उन निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों को हमसे दूर करने में सफल रहे, जो एमवीए का समर्थन करते।” उन्होंने कहा, “फडणवीस को अलग-अलग पैंतरों से निर्दलीय विधायकों को अपने साथ लाने में सफलता मिली। इसीलिए वोटों का यह अंतर देखने को मिला।” शरद पवार ने कहा कि पटेल (राकांपा), प्रतापगढ़ी (कांग्रेस) और राउत (शिवसेना) के लिए प्रथम वरीयता के वोटों का कोटा स्थिर था।
उन्होंने कहा, “अलबत्ता, प्रफुल्ल पटेल को भाजपा समर्थित एक निर्दलीय विधायक से एक अतिरिक्त वोट मिला, जिसने मुझे खुद इसकी जानकारी देते हुए पटेल के पक्ष में मतदान किया। यह निर्दलीय विधायक पहले मेरे साथ काम कर चुका है।” शरद पवार ने कहा, “छठी सीट एमवीए के लिए जोखिम भरी थी, लेकिन उद्धव ठाकरे ने यह जोखिम उठाया।
राजनीति में जोखिम तो उठाना ही पड़ता है।” यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा चुनाव के नतीजे राज्य में एमवीए सरकार की स्थिरता को प्रभावित करेंगे, राकांपा प्रमुख ने दावा किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, “आंकड़ों पर नजर डालें। सरकार चलाने के लिए आवश्यक बहुमत प्रभावित नहीं हुआ है।
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