‘पसमांदा’ की बात भाजपा का ढकोसला, असली मकसद है ‘मुस्लिम मुक्त’ विधायिका: बसपा सांसद
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सदस्य अली ने कहा कि विपक्षी दल और खासकर वे दल जिनको अल्पसंख्यक वोट करते आए हैं, उनकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे मुसलमानों के मुद्दों को उठाएं, लेकिन बहुसंख्यक तुष्टीकरण के इस दौर में वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
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अली ने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस कदर नफरत का माहौल पैदा कर दिया है कि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से दूर चला गया है। बसपा सांसद ने कहा कि भाजपा तुष्टीकरण की बात करती है, लेकिन असल में वह बहुसंख्यक तुष्टीकरण कर रही है। उन्होंने कि भाजपा जिस मुस्लिम तुष्टीकरण का दावा करती रही है, उसकी हवा सच्चर कमेटी की रिपोर्ट ने निकाल दी। अली के अनुसार, ‘‘आज श्रीलंका में क्या हो रहा है? वहां भी बहुसंख्यक तुष्टीकरण हो रहा था। वही चीज यहां हो रही है...यह समय अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने का है, लेकिन सरकार ध्रुवीकरण पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।’’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने की अपील किए जाने के संदर्भ में बसपा सांसद ने कहा, ‘‘यह ढकोसला है। क्या किसी ने उन्हें उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुसलमान को टिकट देने से रोका था?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली मकसद ‘‘मुस्लिम मुक्त’’ विधायिका है और वह उसी दिशा में बढ़ रही है। भाजपा में कोई मुस्लिम सांसद नहीं होने का हवाला देते हुए अली ने कहा, ‘‘भाजपा ने ‘मुस्लिम मुक्त’ संसदीय दल का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है। संसद के वर्तमान मानसून सत्र का पहला हफ्ता हंगामे की भेंट चढ़ जाने पर अली ने कहा कि विपक्ष को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार चाहती है कि संसद सत्र का शुरुआती चरण हंगामे की भेंट चढ़ जाए ताकि उसे उन महत्वपूर्ण सवालों का सामना नहीं करना पड़े जिनसे वह घिर सकती है।
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