भाजपा-कांग्रेस गठजोड़ की खुल गई पोल, भगवंत मान बोले- सदन में हमें बोलने नहीं दे रहे
भगवंत मान ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के गठजोड़ की पोल खुल गई है। वे एक दिन का सत्र बुलाने के भी खिलाफ हैं। हैरानी की बात है कि कांग्रेस भी विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही। कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या दाल ही काली है।
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की इजाजत के बाद प्रदेश में विधानसबा का एक दिवसीय सत्र आयोजित किया गया। राज्य के विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी द्वारा बुलाए गए विश्वास मत का विरोध करते हुए कहा कि विश्वास प्रस्ताव लाना राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देना है। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि मैं सदन के पटल पर इसकी निंदा करता हूं। कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों ने ट्रेजरी बेंच द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश करने का कड़ा विरोध किया। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे संकट पर कटाक्ष करते हुए भगवंत मान ने पलटवार करते हुए कहा, "अब वे हमें गृह कानूनों के बारे में सिखाएंगे? पहले, उन्हें अपना घर व्यवस्थित करने के लिए कहें। उन्होंने "ऑपरेशन लोटस" को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि पार्टी को लगता है कि हर जगह केवल उन्हें ही सत्ता में होना चाहिए।
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भगवंत मान ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के गठजोड़ की पोल खुल गई है। वे एक दिन का सत्र बुलाने के भी खिलाफ हैं। हैरानी की बात है कि कांग्रेस भी विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही। कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या दाल ही काली है। बाजवा साहब ने भी बयान दिया कि ये सत्र चलना नहीं चाहिए। बता दें कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रविवार को राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर राजभवन और आप सरकार के बीच कई दिनों तक चली खींचतान के बाद 27 सितंबर को सदन बुलाने की मंजूरी दे दी।
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इससे पहले आज विधानसभा सत्र के दौरान अध्यक्ष की घोषणा के बाद भाजपा के दो विधायक अश्वनी शर्मा और जंगी लाल महाजन सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने यह भी कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति ने सत्र की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है, जबकि पहले यह एक दिन का था। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पहले विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 22 सितंबर को विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की राज्य सरकार की योजना को खारिज कर दिया था।
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