RGF को लेकर JP नड्डा ने कांग्रेस पर तेज किए हमले, सोनिया गांधी से पूछे 10 सवाल
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सवाल किया, ‘‘क्या व्यक्तिगत ट्रस्टों के लिए विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करके राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ करनाशर्म की बात नहीं है?’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस के खिलाफ हमले तेज करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को चीन और राजीव गांधी फाउंडेशन के कथित संबंधों को लेकर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवाल पूछे और कहा कि पार्टी ‘‘दोहरे चरित्र वाले नेताओं’’ का चेहरा उजागर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। नड्डा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सोनिया गांधी से कहना चाहता हूं कि चीन और कोरोना वायरस संकट की आड़ में उन्हें उन सवालों से नहीं बचना चाहिए जिनका जवाब देश जानना चाहता है।’ उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हित में विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करना राष्ट्रीय हित का बलिदान है।
इसे भी पढ़ें: JP नड्डा के आरोप पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- BJP अपने चंदे और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध पर दे जवाब
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या व्यक्तिगत ट्रस्टों के लिए विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करके राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ करनाशर्म की बात नहीं है?’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा ‘‘ सशस्त्र बल भारत की रक्षा करने, देश को सुरक्षित रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हर संभव जतन किए। नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2006 के बीच प्रत्येक साल अनुदान राशि मिली। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ‘‘टैक्स हैवेन’’ कहे जाने वाले देश लक्जेमबर्ग से 2006 से 2009 के बीच अनुदान राशि मिली।
नड्डा के अनुसार, हवाला कारोबार के लिए लक्जेमबर्ग की एक विशेष पहचान है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गैर सरकारी संगठनों और कंपनियों नेव्यावसायिक हितों के साथ राजीव गांधी फाउंडेशन को अनुदान राशि देने का काम किया। कांग्रेस ने शुक्रवार को इन आरोपों को भाजपा की ‘‘चालाकी’’ और उसका ‘‘द्वेषपूर्ण खेल’’ करार दिया तथा कहा था कि चीन ने सीमा पर भारतीय जमीन पर कथित तौर पर जो कब्जा किया है, यह उससे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय हैं। देश के विकास में एक तरफ जहां हमारी पार्टी अपना योगदान देगी वहीं दूसरी तरफ दोहरे-चरित्र वाले नेताओं का चेहरा उजागर करने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’
इसे भी पढ़ें: BJP चीफ नड्डा ने कांग्रेस पर लगाया बड़ा आरोप, PMNRF का पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन को दिया गया
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को चीन के साथ अपने कथित संबंधों और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ किए गए समझौता ज्ञापन पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2004 में 1.1 अरब डॉलर का था जो बढ़कर 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर हो गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके एवज में कांग्रेस को लाभ मिला था। साल 2004 से 2014 के बीच केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी। कांग्रेस पर भारत की आर्थिक स्थिति को ‘‘कमजोर’’ करने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने सवाल किए, ‘‘आखिर संप्रग सरकार ने ऐसा कैसे होने दिया? क्या राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा चीनी धन को स्वीकार करने के एवज में ऐसा होने दिया गया?’’ नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी निशाना साधा और आरोप मढ़ा कि जब भारत अपने ‘‘सबसे बड़े आर्थिक संकट’’ से गुजर रहा था, तब 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘तब से इसे नियमित रूप से भारत सरकार के मंत्रालयों से अनुदान मिलता रहा है। फिर भी राजीव गांधी फाउंडेशन को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा ऑडिट करने से छूट दी गई। साथ ही फाउंडेशन को सूचना का अधिकार के दायरे में नहीं लाया गया। मनमोहन सिंह इस ‘‘व्यापक और संगठित लूट-खसोट’’ बारे में क्या कहेंगे।’’ ज्ञात हो कि साल 2016 में मोदी सरकार ने जब नोटबंदी की थी तब मनमोहन सिंह ने इसे ‘‘व्यापक और संगठित लूट-खसोट’’ करार दिया था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गांधी परिवार ‘‘अथॉरिटी विदाउट रिस्पांसिबिलिटी’’पर यकीन करती है। उन्होंने अपने उठाए सवालों पर कांग्रेस अध्यक्ष से जवाब मांगा। नड्डा ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम पर भी निशाना साधा और जानना चाहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने जो अनुदान राशि के रूप में 20 लाख रूपये लिए थे, क्या उसे लौटा दिया गया है।
इसे भी पढ़ें: नड्डा का कांग्रेस पर आरोप, राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले तीन सौ हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर
उन्होंने कहा, ‘‘चिदंबरम, जो खुद आज-कल जमानत पर हैं, बता रहे हैं कि राजीव गांधी फाउंडेशन चीनी दूतावास से ली गई अनुदान राशि लौटा देगा। यदि सोनिया-मनमोहन की पूर्ववर्ती सरकार के वित्त मंत्री स्वयं यह कबूल कर रहे हैं तो यह एक तरह से स्वीकारोक्ति है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने देश के अहित में अनैतिक तरीके से अनुदान लिया।’’ भाजपा अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि बैंकों से कथित तौर पर धोखाधड़ी कर विदेश भाग गए मेहुल चोकसी ने भी राजीव गांधी फाउंडेशन को अनुदान राशि दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के राजकुमार ने उस वक्त देश के प्रधानमंत्री के लिए सबसे अप्रिय का इस्तेमाल किया। पहले तो मेहुल चोकसी से पैसे लो, फिर बैंक ऋण के माध्यम से उसकी मदद करो और अपने इस कृत्य के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री को दोषी ठहराओ। देश जानना चाहता है कि मेहुल चोकसी से राजीव गांधी फाउंडेशन का क्या संबंध है और संप्रग सरकार ने उसे रिण देने में किस-किस प्रकार से मदद की?’’
नड्डा ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने ‘‘चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनलली फ्रेंडली कॉन्टेक्ट’’ के साथ काम किया, जो चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग का सिर्फ एक घटक है और विभिन्न देशों की नीतियों को प्रभावित करने के काम में लाया जाता है। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से पूछा, ‘‘चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन फाउंडेशन से कांग्रेस पार्टी का क्या रिश्ता है। सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि राजीव गांधी फाउंडेशन की सहायता सेइस चीनी एजेंसी से भारत की नीतियां कितनी प्रभावित हुई और इसका कितना दखल बढ़ा।’’
इसे भी पढ़ें: नड्डा ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना, सत्याग्रहियों को किया नमन
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन न केवल घोटालों से पैसा लेता है, बल्कि अपने स्वयं के संगठनों को संदेहास्पद अनुदान भी देता है। उन्होंने कहा, ‘‘राजीव गांधी फाउंडेशन ने परिवार और ‘वर्ल्ड विजन जैसे ईसाई मिशनरी संगठनों द्वारा नियंत्रित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को अनुदान क्यों दिया ?’’ जब से गलवान घाटी की घटना हुई है, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है। वह मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री को सीमा पर बनी स्थिति के बारे में देश को विश्वास में लेना चाहिए। भाजपा भी पलटवार का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
As of 2019, RGF has a corpus of Rs. 100 crores .
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 27, 2020
How did the RGF got a costly place of Jawahar Bhawan as its office on perpetual lease?
Why did the RGF refused CAG audit?
Why RGF refused to come under RTI? pic.twitter.com/mJVpSDYbrZ
अन्य न्यूज़