बीजेपी ने दिल्ली को बताया 'गैस चैंबर', केजरीवाल चाहते हैं मोदी सरकार इस्तीफा दे! एक्शन कम और रिएक्शन ज्यादा देने पर जोर दे रही हैं सरकारें
दिल्ली के लोगों को सांस लेना दूभर हो गया हैं। लगातार वायु गुणवत्ता खराब हो रही हैं लेकिन दूसरी ओर सरकारें केवल सियासत करने में ही जुटी हुई हैं। गुजरात चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार एक भी मौका नहीं छोड़ रही हैं एक-दूसरे को नीचा दिखाने का।
दिल्ली के लोगों को सांस लेना दूभर हो गया हैं। लगातार वायु गुणवत्ता खराब हो रही हैं लेकिन दूसरी ओर सरकारें केवल सियासत करने में ही जुटी हुई हैं। गुजरात चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार एक भी मौका नहीं छोड़ रही हैं एक-दूसरे को नीचा दिखाने का, लेकिन एक्शन लेने के स्तर पर कमी देखी जा रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के लिए केंद्र सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया और इस वार्षिक खतरे का समाधान प्रदान करने में विफल रहने के लिए इस्तीफा देने का आह्वान किया। केजरीवाल ने कहा "मैं मानता हूं कि प्रदूषण एक समस्या है, लेकिन यह एक ऐसी समस्या है जिसने पूरे उत्तर भारत को प्रभावित किया है। लेकिन इसे सिर्फ दिल्ली और पंजाब में समस्या के तौर पर दिखाया जा रहा है। एक आख्यान बनाया जा रहा है कि ये दोनों राज्य प्रदूषण का कारण हैं। यह राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है और केंद्र सभी के लिए समाधान खोजने की कोशिश नहीं कर रहा है।
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केजरीवाल का केंद्र पर हमला
अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के मामले का राजनीतिकरण करने और पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने का कारण बताने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार और भाजपा किसानों से इतनी नफरत क्यों करती है? किसानों के प्रति भाजपा की इस नफरत के कारण ही पूरे उत्तर भारत की हवा में इतना धुआं है। हमें किसानों को समाधान देना होगा। दिल्ली सरकार अपने स्तर पर जो कुछ भी कर सकती है, हम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में धूल को जमने देने के लिए वाटर स्प्रिंकलर का इस्तेमाल किया जा रहा है, निर्माण कार्य रोक दिया गया है और वायु प्रदूषण की जांच के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किया गया है। लेकिन केंद्र सरकार सकारात्मक कार्रवाई करने के बजाय किसानों को निशाना बनाने में लगी है। केजरीवाल ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने में सफल नहीं होती है, तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। हम हमेशा के लिए प्रदूषण की समस्या को हल करने की पहल करेंगे।
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'गैस चैम्बर'
दूसरी ओर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय राजधानी को "गैस चैंबर" में बदलने के लिए AAP पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आप शासित पंजाब में 2021 में खेतों में आग लगने की घटनाओं में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर आसमान छू रहा है। आज तक, पंजाब, आप सरकार द्वारा संचालित राज्य में, 2021 में 19% से अधिक कृषि आग में वृद्धि देखी गई है। हरियाणा में 30.6% की गिरावट देखी गई है। आज ही के दिन पंजाब में 3,634 आग लगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य आपातकाल है और आप सरकार पर अपनी विफलताओं को स्वीकार करने से इनकार करने और किसानों और केंद्र पर दोषारोपण करने का आरोप लगाया। उन्होनें कहा कि आप को किसानों को दोष देना बंद करना चाहिए और हमें बताना चाहिए कि उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण के कारणों के बारे में क्या किया है, प्रदूषण के लिए कितने उद्योग बंद थे? कितने रोड डस्ट वैक्यूम क्लीनर खरीदे? वाहन प्रदूषण पर क्या कदम? आप के पास कोई वास्तविक जवाब नहीं है इसलिए वे किसानों को दोष देते हैं।
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