Hindenburg Report को बीजेपी ने बताया आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश, कांग्रेस बोली- माधवी बुच को सेबी अध्यक्ष क्यों बनाया गया?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और उसमें लगे आरोपों पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कहते ने कहा कि सेबी, पीएम और निर्मला सीतारमण हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए तथ्यात्मक और बिंदुवार मुद्दों का बिंदुवार जवाब कब देंगे? हम उस तारीख का इंतजार कर रहे हैं।" ..क्या उन्होंने एगोरा पर प्रतिक्रिया दी?
हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई, रविवार को हंगामा हुआ इसलिए सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर है। बाजार सुचारू रूप से चले यह सुनिश्चित करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। जब सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया जुलाई में अपनी पूरी जांच पूरी कर ली, जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई थी, फिर उन्होंने अपने बचाव में कोई जवाब न देते हुए इस हमले को आधारहीन हमला करार दिया है।
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और उसमें लगे आरोपों पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सेबी, पीएम और निर्मला सीतारमण हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए तथ्यात्मक और बिंदुवार मुद्दों का बिंदुवार जवाब कब देंगे? हम उस तारीख का इंतजार कर रहे हैं। क्या उन्होंने एगोरा पर प्रतिक्रिया दी? क्या उन्होंने इस बात का जवाब दिया कि सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले भी उन्होंने अपनी ईमेल आईडी से पैसे के लिए कोई मेल भेजा था? क्या उन्होंने ऑफ-शोर कंपनियों में अपने निवेश का खुलासा किया था? भारत को संदेह है कि उनकी कंपनियों का गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी की विदेशी कंपनियों में निवेश था? अगर उनके पास ऐसी जानकारी थी, तो उन्हें सेबी अध्यक्ष क्यों बनाया गया? अगर उनके पास जानकारी नहीं थी, तो वे सत्ता में रहकर क्या कर रहे हैं? अगर वे यह नहीं जानते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
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हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को कहा कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चला है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किये गए दोनों अस्पष्ट ऑफशेयर फंडों में हिस्सेदारी थी। व्हिसिलब्लोअर दस्तावेजों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ एकाउंट ओपन किया था। दस्तावेजों में आगे कहा गया कि आईआईएफएल के एक प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित धन की घोषणा में इन्वेस्टमेंट के स्रोत को सैलरी बताया गया और जोड़े की कुल संपत्ति $ 10 मिलियन होने का अनुमान है।
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