CAB के जरिए द्विराष्ट्र के सिद्धांत को जिंदा कर रही है भाजपा: येचुरी
येचुरी ने ट्वीट किया कि भारत का बंटवारा 1947 में हुआ था। हिंदू और मुस्लिम मातृभूमि, दोनों के प्रस्तावक एक ही घातक, विभाजनकारी, घृणित और भारतीय विरोधी प्रस्ताव के दो पक्ष थे।भारत ने द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया। बीजेपी कैब के जरिए इसे फिर जिंदा करने की कोशिश कर रही है।
नयी दिल्ली। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने के साथ ही भाजपा अब सावरकर और जिन्ना द्वारा प्रचारित द्विराष्ट्र के सिद्धांत को “फिर से जिंदा” करने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले विधेयक को सोमवार को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी थी।
The glories of the zero or infinity, our arts, music and everything else came about through vibrant confluences of a myriad influences. The obscurantism on display is regressive and most anti-Indian.#CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/isbogCiOMS
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) December 11, 2019
येचुरी ने ट्वीट किया, “भारत का बंटवारा 1947 में हुआ था। हिंदू और मुस्लिम मातृभूमि, दोनों के प्रस्तावक एक ही घातक, विभाजनकारी, घृणित और भारतीय विरोधी प्रस्ताव के दो पक्ष थे।भारत ने द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया। बीजेपी कैब के जरिए इसे फिर जिंदा करने की कोशिश कर रही है।”
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