Haryana में बदली विधानसभा चुनाव की तारीख, बिश्नोई समुदाय ने किया Election Commission के फैसले का स्वागत

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अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के उपाध्यक्ष सोम प्रकाश बिश्नोई ने कहा कि पूरा समुदाय चुनाव की तारीख स्थगित करने के फैसले के लिए निर्वाचन आयोग का आभार जताता है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव में बिश्नोई समुदाय के लाखों सदस्य हिस्सा लेते हैं और इसे आयोजित करने में 15-20 दिन लगते हैं।

चंडीगढ़। बिश्नोई समुदाय के लोगों ने उनके सदियों पुराने त्योहार के मद्देनजर हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख एक अक्टूबर से स्थगित कर पांच अक्टूबर करने के निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया है। आयोग के इस फैसले का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी स्वागत किया है। निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के तहत मतदान एक अक्टूबर के बजाय पांच अक्टूबर को कराने की घोषणा करते हुए शनिवार को कहा था कि बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आयोग ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना चार अक्टूबर के बजाय अब आठ अक्टूबर को होगी।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के उपाध्यक्ष सोम प्रकाश बिश्नोई ने कहा कि पूरा समुदाय चुनाव की तारीख स्थगित करने के फैसले के लिए निर्वाचन आयोग का आभार जताता है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव में बिश्नोई समुदाय के लाखों सदस्य हिस्सा लेते हैं और इसे आयोजित करने में 15-20 दिन लगते हैं। सोम प्रकाश ने कहा, ‘‘पहले हम इस बात को लेकर चिंतित थे कि (बिश्नोई समुदाय के) लोग यात्रा पर होने के कारण मतदान नहीं कर पाएंगे या वे इस कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे। अब नयी मतदान तिथि से हमारी समस्या हल हो गई है और हम इसके लिए निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देते हैं।’’

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तारीख में बदलाव से पहले, एक अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में तीसरे और अंतिम चरण के विधानसभा चुनावों के साथ ही हरियाणा में चुनाव कराए जाने थे। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय उस बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिसने अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में 300-400 साल पुरानी परंपरा को बरकरार रखा है। आयोग ने बताया था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख पुनर्निर्धारित करने के लिए उसे अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक अभिवेदन प्राप्त हुआ था।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, अभिवेदन में कहा गया था कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा से लोग गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए राजस्थान में अपने पैतृक गांव मुकाम पहुंचते हैं। इस साल यह त्योहार दो अक्टूबर को है और सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार उस दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित हो सकते थे। इसके साथ ही, हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने लंबे सप्ताहांत को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग से मतदान की तारीख बदलने का अनुरोध किया था।

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भाजपा की हरियाणा इकाई के प्रमुख मोहन लाल बड़ौली ने भी निर्वाचन आयोग को चुनाव स्थगित करने के लिए धन्यवाद दिया। कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि भाजपा ने चुनाव स्थगित करने की मांग करके हार स्वीकार कर ली है। इस टिप्पणी के बारे में सवाल किए जाने पर बड़ौली ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने आपातकाल लागू किया... उनकी यह कभी सोच नहीं रही कि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम होने चाहिए।’’ बड़ौली ने कहा, ‘‘जब मैंने पत्र लिखा था, तो मैंने चुनाव स्थगित करने के कारण बताए थे। हम निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं।’’ भाजपा की हरियाणा इकाई के नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने भी चुनाव स्थगित करने के फैसले का स्वागत किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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