मुरली मनोहर जोशी समेत इन हस्तियों का जन्मदिन, जानिए उनका जीवन परिचय
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि पूरी जिंदगी उन्होंने (मुरली मनोहर जोशी) भारत के विकास के लिए काम किया। उन्होंने एक मंत्री के साथ-साथ एक सांसद के रूप में भी अनुकरणीय योगदान दिया।
नयी दिल्ली। साल के पांचवें दिन हम आपको उन पांच हस्तियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने राजनीति की दिशा और दशा दोनों को ही बदल कर रख दिया था और आज इन हस्तियों का जन्मदिन है। यूं तो पांच जनवरी को बहुत से लोगों का जन्मदिन है लेकिन हम भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की।
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मुरली मनोहर जोशी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने मुरली मनोहर जोशी को भारत के वरिष्ठ एवं सम्मानित नेताओं में से एक बताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि पूरी जिंदगी उन्होंने (मुरली मनोहर जोशी) भारत के विकास के लिए काम किया। उन्होंने एक मंत्री के साथ-साथ एक सांसद के रूप में भी अनुकरणीय योगदान दिया। ईश्वर से कामना है कि वह दीर्घायु और स्वस्थ रहें।
5 जनवरी, 1934 को नैनीताल में जन्मे मुरली मनोहर जोशी ने स्नातक डिग्री मेरठ कॉलेज और स्नातकोत्तर डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हासिल की थी और यहीं से उन्होंने डॉक्ट्रेड की उपाधि भी अर्जित की थी। युवा अवस्था में ही जोशी आरएसएस से जुड़ गए थे। इस दौरान उन्होंने गौ-रक्षा से जुड़े हुए आंदोलनों में भी हिस्सा लिया था। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक मुरली मनोहर जोशी साल 1980 में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए थे। 1996 में जब 13 दिन के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी तब उन्होंने गृह मंत्रालय का पदभार संभाला था।
बता दें कि मुरली मनोहर जोशी तीन बार इलाहाबाद के विधायक चुने गए थे। वहीं, 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2009 के चुनावों में वह वाराणसी से सांसद चुने गए। इस बीच उन्हें लोक लेखांकन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया। फिर 2014 में मुरली मनोहर जोशी को वाराणसी की जगह कानपुर से चुनावी मैदान में उतारा गया और यहां पर भी उन्होंने कमाल किया।
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कल्याण सिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को फोन पर उनके 88वें जन्मदिन की बधाई दी तथा उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। बता दें कि उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता रहे कल्याण सिंह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। वह 1991 और 1997 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उनके पहले कार्यकाल को 'नकल अध्यादेश' और 'बाबरी विध्वंस' के लिए जाना जाता है। जबकि दूसरे कार्यकाल को भाजपा नेताओं के साथ खींचतान के लिए याद किया जाता है। 8 बार विधायक चुने गए कल्याण सिंह पार्टी में आते जाते रहे। दरअसल, कल्याण सिंह ने पहले 1999 में पार्टी छोड़ दी थी और फिर उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की सदस्यता लेते हुए बुलंदशहर से चुनाव लड़ा था। फिर 2009 में उन्होंने पार्टी छोड़कर एटा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की। हालांकि, 2014 में कल्याण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण की और 2015 उन्हें हिमाचल का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया था।
ममता बनर्जी
साल 2011 से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज ममता बनर्जी ने वामदलों को सत्ता से उखाड़कर एक मिसाल पेश की थी। 1955 में जन्मीं ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख हैं। उन्हें दीदी के नाम से जाना जाता है और वह पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। कानून की डिग्री हासिल करने वालीं ममता बनर्जी को साल 2012 में 'टाइम मैगजीन' ने 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था। कहा जाता है कि ममता बनर्जी जब छोटी थीं तो उनके पिताजी का देहांत हो गया था। ऐसे में जीवनयापन करने के लिए उन्हें दूध भी बेचना पड़ा था। कानून की डिग्री हासिल करने के बाद ममता बनर्जी ने इतिहास ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी और फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामिक इतिहास में मास्टर्स किया था।
जानकार बताते हैं कि जब ममता बनर्जी कॉलेज में थीं उसी वक्त वह राजनीति में भी सक्रिय हो गई थीं। तभी तो 1970 में उन्हें बंगाल महिला कांग्रेस का महासचिन नियुक्त किया गया था। अब ममता बनर्जी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने वोट बैंक को बचाने की कवायद में जुड़ी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस के जनाधार को बचाने में कामयाब हो पाती हैं या नहीं।
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तारकिशोर प्रसाद
बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन वाली सरकार में तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वह 65 वर्ष के हैं। बता दें कि तारकिशोर प्रसाद कटिहार से भाजपा विधायक हैं और यहां से चौथी बार विधायक बने हैं। उन्होंने सीमांचल इलाके में भाजपा को मजबूत करने का किया है। बता दें कि तारकिशोर प्रसाद वैश्य समुदाय से आते हैं और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के करीबी बताए जाते हैं।
12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले तारकिशोर प्रसाद ने जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काफी काम किया है और खुद को भाजपा का कार्यकर्ता ही बताते हैं। उन्होंने एबीवीपी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और आरएसएस से भी जुड़े रहे हैं।
सुशील कुमार मोदी
सुशील कुमार मोदी का जन्म साल 1952 में पटना में हुआ था। उन्होंने पटना में पढ़ाई की और बाद में राजनीति में कूट गए। बीएससी की डिग्री हासिल करने के बाद एमएससी में दाखिला लिया लेकिन एमएससी की पढ़ाई छोड़कर सुशील मोदी जेपी आंदोलन के साथ जुड़ गए। साल 1990 से वह राजनीति में सक्रिय हैं और फिर कुम्हार विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें विधानसभा दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार में सुशील मोदी का किरदार किसी पुल के समान है। सुशील मोदी को नीतीश कुमार का करीबी बताया जाता है लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव के बाद उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी की जगह पर पार्टी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को चुना।
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