Bihar Hooch Deaths: जहरीली शराब वाले मामले पर Nitish Kumar का यू टर्न, अब मृतकों को किया दो करोड़ रुपये मुआवजा देने का ऐलान

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बिहार पुलिस के मुताबिक अब सरकार ने बैकफुट पर आने का फैसला किया है और शराब पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार अब जहरीली शराब से हुई मौतों के पीड़ितों के परिजनों के लिए 2.1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था कर रही है।

बिहार में शराबबंदी कानून लागू करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2022 में बिहार विधानसभा में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अगर कोई शराब पिएगा और गड़बड़ पिएगा तो मरेगा ही। अगर कोई शराब पीकर मरता है तो उसपर दया नहीं होनी चाहिए। लोगों को शराब पीने से मना करना चाहिए। इसे देखते हुए नीतीश कुमार ने इस बयान देने के बाद साफ कर दिया था कि शराब पीने वालों के लिए वो किसी तरह भी सॉफ्ट हार्ट से नहीं सोचेंगे। मगर लग रहा है कि चुनाव नजदीक आते ही अब नीतीश कुमार अपने बयान से पलटने वाले है। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में  भी नालंदा और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में 53 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी, जिने के आर्थिक मुआवजा चार लाख रुपये दिया गया था।

बिहार पुलिस के मुताबिक अब सरकार ने बैकफुट पर आने का फैसला किया है और शराब पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार अब जहरीली शराब से हुई मौतों के पीड़ितों के परिजनों के लिए 2.1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था कर रही है। इस संबंध में सब तैयारी हो चुकी है और जल्द ही पीड़ितों के परिजनों को ये राशि सौंपी जाएगी। 

जानकारी के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल में पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया, पहाड़पुर, हरसिद्धि और सुगौली में जहरीली शराब पीने से 41 लोगों की मौत हुई थी। इन मौत होने का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब से मौत की पुष्टि हुई थी। इससे पहले वर्ष 2022 में 15 जनवरी को नालंदा में भी 12 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। 

जदयू नेता ने की पुष्टि

इस संबंध में जदयू के राष्ट्रिय महासचिव राजीव रंजन ने भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अन्य जिलों में भी जहरीली शराब से पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा दिए जाने की तैयारी की जा रही है। सरकार इस दिशा में जल्द ही कदम उठाएगी। सभी को बारी बारी से मुआवजा मिलेगा।

गौरतलब है कि वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण शराब बंदी को लागू किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन परिवार को मुआवजा दिए जाने की विपक्ष की दलील को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही। इस वर्ष जहरीली शराब से लोगों के मरने के बाद उन्होंने कहा था कि अगर मृतकों के परिवार इस संबंध में पुख्ता सबूत पेश करते हुए शराब के स्त्रोत का खुलासा करेंगे तो उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है परिवार ने कुछ पुख्ता सबूत पेश किए होंगे। 

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