बिहार ने विकास के नए आयाम गढ़े हैं: राजीव रंजन

राजीव रंजन

प्रसाद ने कहा कि दूसरी तरफ जंगलराज का आरोप राजद पर यूँ ही नहीं है, इलाकाई क्षत्रपों ने उस दौर में जो कहर बरपाया, उसे याद करने मात्र से लोग आज भी सिहर उठते हैं। बंदूकों की नलियां गाड़ियों से बाहर निकाल कर लोगों को आतंकित करने वाले बाहुबली सत्ता के शिखर के निकट होते थे।

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के पंद्रह वर्षों के कार्यकाल में राज्य की धूमिल होती जा रही पहचान को विकासोन्मुख बना कर न केवल एक महत्वपूर्ण प्रदेश के रूप स्थापित कर दिया बल्कि अस्मिता, उप राष्ट्रीयता एवं केंद्र राज्य संबंधों को लेकर बिहार एक नवीन भूमिका में भी दिखा।

प्रसाद ने कहा कि सत्ता एवं समाज सुधार के मध्य संतुलन साधना भी नीतीश जी के समक्ष एक चुनौती थी। लेकिन शराब बंदी जैसे फैसलों ने महिला स्वाभिमान एवं उनके सशक्तिकरण एवं उत्पीड़न उन्मूलन का एक सशक्त मार्ग प्रशस्त कर अर्थव्यवस्था को लेकर लकीर के फ़क़ीर राजनेताओं की आशंकाओं को नकारते हुए एक स्वस्थ समृद्घ एवं लैंगिक विषमता से मुक्त बिहार की बुनियाद डाल दी। 

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प्रसाद ने कहा कि दूसरी तरफ जंगलराज का आरोप राजद पर यूँ ही नहीं है, इलाकाई क्षत्रपों ने उस दौर में जो कहर बरपाया, उसे याद करने मात्र से लोग आज भी सिहर उठते हैं। बंदूकों की नलियां गाड़ियों से बाहर निकाल कर लोगों को आतंकित करने वाले बाहुबली सत्ता के शिखर के निकट होते थे। अपहरण एक संगठित उद्योग के रूप में  विकसित हो रहा था। सामूहिक  नरसंहारों, जातीय हिंसा एवं अभूतपूर्व भ्रस्टाचार की वज़ह से बिहार की पहचान एक फेल्ड स्टेट की बन गयी थी। उस बदहाली से बिहार को उबार कर आज आत्मविश्वास से लबरेज बिहार का सफर नीतीश के नेतृत्व की वजह से  संभव हुआ। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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