INDIA गठबंधन की निष्क्रियता के लिए Congress पर बरसे Nitish Kumar, विपक्षी एकता हुई तार-तार, BJP ने ली चुटकी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन (इंडिया) की सक्रियता थमने के लिए इसकी प्रमुख घटक कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी है तथा विपक्षी मोर्चे को आगे बढ़ाने की उसे चिंता नहीं है।
विपक्षी गठबंधन इंडिया ने एकता के दावे तो बड़े बड़े किये थे लेकिन हकीकत में यह गठबंधन बिखरा हुआ नजर आ रहा है। पटना, बैंगलुरु और मुंबई की बैठकों में विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ थाम कर एकता की कई कसमें खाईं थीं लेकिन जिस तरह एक दूसरे पर हमले किये जा रहे हैं वह दर्शा रहा है कि वह बैठकें मात्र टी, लंच और डिनर पार्टियां ही थीं। अभी कुछ दिन पहले दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद देखने को मिला उसके बाद बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच विवाद हुआ, फिर मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तलवारें खिचीं और अब बिहार में जनता दल युनाइटेड और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग हो रही है।
हम आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन में उठापटक का ताजा मामला बिहार से सामने आया है जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन (इंडिया) की सक्रियता थमने के लिए इसकी प्रमुख घटक कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी है तथा विपक्षी मोर्चे को आगे बढ़ाने की उसे चिंता नहीं है। भाकपा महासचिव डी राजा जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में बिहार के मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि केंद्र सरकार का विरोध करने वाले दल नया गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आए थे। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उस मोर्चे पर बहुत प्रगति नहीं हुई है और लगता है कि कांग्रेस को पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में अधिक रुचि है। नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘अभी तो काम ज्यादा नहीं हो रहा है, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस पार्टी को तो उसी में ज्यादा दिलचस्पी है। कांग्रेस पार्टी को आगे रखकर इसे ('इंडिया' गठबंधन को) बढ़ाने के लिए हम सब एकजुट होकर काम कर रहे थे, लेकिन उनको इन सबकी चिंता नहीं है। अभी पांच राज्यों के चुनाव में लगे हुए हैं। चुनाव हो जाएगा तो अपने आप सबको बुलाएंगे। अभी तो चर्चा नहीं हो रही है’’ हम आपको याद दिला दें कि नीतीश कुमार ने जून में पटना में विपक्षी नेताओं की पहली बैठक की मेजबानी की थी। इसी बैठक के बाद नए गठबंधन के लिए माहौल तैयार हुआ था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन का राष्ट्रीय संयोजक बनना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाने पर वह नाराज चल रहे हैं।
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नीतीश कुमार के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘‘वह भाकपा का सम्मेलन था। हमने उनका भाषण सुना। वह (नीतीश) लगातार ऐसा कहते हैं। नीतीश जी की उत्कंठा यह है कि जल्दी से जल्दी मोदी सरकार को हटाया जाए। लेकिन (उन्हें) समय से हटाया जाएगा, जब चुनाव होगा।'' उधर, नीतीश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता नासिर हुसैन ने कहा कि लोकसभा चुनाव से छह महीने से पहले हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं और कांग्रेस इनको गंभीरता से ले रही है।
विपक्षी गठबंधन की इस उठापटक पर प्रतिक्रया देते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह सब दर्शाता है कि इस गठबंधन के पास कोई विजन या मिशन नहीं है और सत्ता के लालच में ही यह लोग एक साथ आये थे लेकिन हितों का टकराव इन्हें आपस में ही लड़ा रहा है।
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