Delhi में Karnataka Congress के नेताओं की आलाकमान के साथ होगी बड़ी बैठक, जानें क्या है मामला
यह बैठक शुरू में तब आयोजित होने वाली थी जब 26-दलीय विपक्षी समूह भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) की 18 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक हुई थी। हालांकि, उस दिन केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन के कारण, नई बैठक नहीं हुई।
बेंगलुरु में हुई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की तूफानी बैठक के कुछ दिनों बाद, कर्नाटक में पार्टी नेता 2 अगस्त, बुधवार को नई दिल्ली में आलाकमान से मिलने वाले हैं। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, उस दिन दो बैठकें होने वाली हैं। जानकारी के मुताबिक जहां पहली बैठक आगामी लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करेगी, वहीं दूसरी बैठक राज्य मंत्रिमंडल के नए मंत्रियों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे पार्टी नेताओं के बीच होगी। एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल और अन्य इसमें शामिल होंगे।
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डीके शिवकुमार ने क्या कहा
यह बैठक शुरू में तब आयोजित होने वाली थी जब 26-दलीय विपक्षी समूह भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) की 18 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक हुई थी। हालांकि, उस दिन केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन के कारण, नई बैठक नहीं हुई। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने 2 अगस्त को पार्टी आलाकमान द्वारा कर्नाटक के नेताओं के साथ बुलाई गई बैठक पर कहा, "हमें (2024) संसदीय चुनावों के लिए कार्ययोजना को अंतिम रूप देना है। मैं सभी नेताओं की जिम्मेदारी तय करना चाहता हूं कि कैसे उम्मीदवारों का चयन करना और उम्मीदवारों को चुनने के लिए मानदंड तय करना। इस बैठक के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।''
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नेताओं में असंतोष
पार्टी विधायकों की शिकायतों को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बेनतीजा रहने के मद्देनजर ये बैठकें आहूत की गई हैं। कांग्रेस विधायक कथित तौर पर इस बात से नाराज हैं कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। बैठक के दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री उन्हें समय नहीं दे रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस के एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘इन विधायकों ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था, जिससे पार्टी नेताओं ने सही नहीं माना था। यहां तक कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सीएलपी बैठक के दौरान उन्हें चेतावनी दी थी कि वे ऐसी रणनीति का सहारा न लें, क्योंकि इससे सरकार की बदनामी होती है।’’
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