Maharashtra elections से पहले हो रहा बड़ा दावा, इसकी सरकार बनने की अधिक संभावना
महायुति ने चुनाव को देखते हुए अपना घोषणा पत्र भी सोच समझकर तैयार किया है, जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। शिंदे सरकार इससे पहले भी सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कदम आगे बढ़ा चुकी है। महायुति सरकार ने पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी योजनाएं चलाई है।
महाराष्ट्र चुनाव नजदीक आ चुके हैं। चुनाव से पहले माना जा रहा है कि महायुति इस बार सरकार बनाने जा रही है। मीडिया में भी इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर लगाए जा रहे अनुमान के अनुसार महाराष्ट्र में फिर से महायुति की सरकार बन सकती है। महायुति सरकार बनने से पहले ही यह वादा कर चुकी है कि सत्ता में आने पर लड़की बहन स्कीम के तहत महिलाओं को ₹2100 की राशि दी जाएगी। महायुति ने किसान से कर्ज माफी का वादा भी कर दिया है।
महायुति ने चुनाव को देखते हुए अपना घोषणा पत्र भी सोच समझकर तैयार किया है, जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। शिंदे सरकार इससे पहले भी सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कदम आगे बढ़ा चुकी है। महायुति सरकार ने पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी योजनाएं चलाई है। सरकार इन योजनाओं को आगे बढ़ाने का वादा कर रही है।
महायुति सरकार ने पिछले विधानसभा के अंतिम बजट सत्र में लाडली बहिन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी महिलाओं के खाते में हर महीने डेढ़ हजार रुपये की राशि दी जानी थी। घोषणा के बाद इस योजना का महिलाओं ने भी खुलकर स्वागत किया और इसका समर्थन किया। एक तरफ इस योजना को समर्थन मिला वहीं दूसरी तरफ इस योजना को भारी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। एक तरफ जहां महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव काफी पास आ चुके है वहीं लड़की बहिन स्कीम के तहत राशि को बढ़ाया गया है।
वहीं कई मीडिया समूहों ने भी चुनाव को लेकर अपने अनुमान व्यक्त किए है। इसके अनुसार महाराष्ट्र में महायुति ही फिर से सत्ता में आने वाली है। ऐसी संभावनाएं अधिक है। अगर इस बार भी महायुति ने राज्य की सत्ता पर कब्जा जमाया तो इसके बाद सरकार हर महीने महिलाओं को 2100 रुपये और किसानों की कर्जमाफी करेगी। महायुति सरकार की संभावनाओं को देखते हुए किसानों और महिलाएं भी काफी खुश है।
'फिर बनेगी महायुति की सरकार'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव काफी पास हैं। ऐसे में चुनावी एजेंडे भी लगातार जोरो पर है। इसके तहत महायुति पर लगातार आरोप भी लग रहे है। हालांकि जमीनी स्तर पर इसका असर काफी मामूली है। विपक्ष भी महायुति की घोषणाओं को जुमला बता चुका है। विपक्ष का कहना है कि सरकार पैसे नहीं देगी, बल्कि ये सरकार दिए हुए पैसे भी वापस लेती है। ये योजना नहीं एक जुमला है।
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