स्कूल भर्ती मामले में बंगाल सरकार न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम करेगी: ब्रात्य बसु

बसु ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह आयोग की दलीलों से संतुष्ट नहीं है और एसएससी के अध्यक्ष ने पहले ही बताया था कि वह इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत से मार्गदर्शन करने का अनुरोध करेंगे।’’
पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) समिति के जरिये भर्ती किये गए लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा अमान्य करार दिए जाने के एक दिन बाद, शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन करेगी।
राज्य शिक्षा मुख्यालय ‘विकास भवन’ में बसु ने पत्रकारों से कहा, ‘‘न्यायालय ने स्वयं अपने आदेश में ‘दागी’ शब्द का प्रयोग किया है, जो 2016 की भर्ती प्रक्रिया में दागी/बेदाग अभ्यर्थियों की संख्या के बारे में एसएससी की दलील की पुष्टि करता है।’’
बसु ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह आयोग की दलीलों से संतुष्ट नहीं है और एसएससी के अध्यक्ष ने पहले ही बताया था कि वह इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत से मार्गदर्शन करने का अनुरोध करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा मंत्री के रूप में मैं कह सकता हूं कि हम शैक्षणिक और राजनीतिक, दोनों दृष्टिकोण से वंचित, योग्य अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं।’’ उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद 26,000 प्रभावित शिक्षकों में से 17,000 के स्कूल नहीं जाने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बसु ने कहा कि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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