Ayodhya Deepotsav: दीपोत्सव से पहले सरयू घाट पर होगा Light-Sound Show, ऐसे जगमगाई राम की पौड़ी
अयोध्या में सरयू नदी के घाटों पर हर वर्ष दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष का दीपोत्सव काफी खास है। दरअसल ये पहला मौका है जब अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार दिवाली और दीपोत्सव मनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम की पौड़ी, नया घाट पर शानदार लेजर शो का आयोजन किया गया है। इस लेजर सोर में रामायण का वर्णन किया गया है। इस लाइट और साउंड शो के जरिए घाट पर जीवंत रोशनी देखने को मिली। पूरा घाट इस दौरान जगमगा उठा।
सोशल मीडिया पर न्यूज एजेंसी पीटीआई द्वारा शेयर किए गए वीडियो में महिलाओं को दीपोत्सव की रिहर्सल के तहत सरयू घाट पर 'आरती' करते देखा जा सकता है। दीपोत्सव के 8वें संस्करण की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं, 30 अक्टूबर को शहर को 28 लाख मिट्टी के दीयों से रोशन करने की योजना है। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि सरयू घाट पर राम की पैड़ी पर लाइट एंड साउंड शो का रिहर्सल भी चल रहा है।
दीपोत्सव में विभिन्न कलाकार शामिल होंगे
अयोध्या में सरयू नदी के घाटों पर हर वर्ष दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष का दीपोत्सव काफी खास है। दरअसल ये पहला मौका है जब अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार दिवाली और दीपोत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अयोध्या की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को उजागर करना है, जिसमें छह देशों म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकारों द्वारा उत्तराखंड की रामलीला प्रस्तुति के साथ-साथ प्रस्तुति दी जाएगी।
इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के कलाकार भी भाग लेंगे। उत्सव के हिस्से के रूप में, पशुपालन विभाग ने 150,000 "गौ दीप" दीप जलाने की प्रतिबद्धता जताई है, जिन्हें मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा प्रतीकात्मक रूप से सीएम आदित्यनाथ को भेंट किया जाएगा।
राम जन्मभूमि मंदिर में स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए कालिख और प्रदूषण को कम करने वाले विशेष लैंप का भी उपयोग किया जाएगा। 30 अक्टूबर को घाटों को सजाने में 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों के शामिल होने की संभावना है।
इस आयोजन को सुरक्षित बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नायर ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें मंदिर और आसपास के इलाकों की सुरक्षा के लिए एटीएस, एसटीएफ और सीआरपीएफ कमांडो की तैनाती की रूपरेखा बताई गई।
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