आजादी के बाद पहली बार लद्दाख में बटालिक और आर्यन घाटी के गाँवों को होगी बिजली आपूर्ति
आजादी के 70 साल बाद 'एक राष्ट्र, एक ग्रिड' को एक वास्तविकता बनाया गया है। यह रेखा लद्दाख में ग्रामीण विद्युतीकरण का आधार है। केंद्र ने श्रीनगर-लेह लाइन को लेह के उत्तर में नुब्रा घाटी तक विस्तारित करने सहित लद्दाख के दूरदराज के गांवों के लिए 1,310 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
देश के आजादी के 70 साल बाद लद्दाख के कारगिल जिले की आर्यन घाटी बिजली से जगमागा उठी है। टीओआई में छपी एक खबर के मुताबिक,75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले राज्य की ट्रांसमिशन यूटिलिटी पावरग्रिड द्वारा आर्यन वैली को इलेक्ट्रिसिटी से जोड़ दिया गया है। इलाके में बिजली की आपूर्ती के बाद कारगिल जिले में आर्यन घाटी के दूरदराज के गाँव राष्ट्रीय बिजली नेटवर्क से जुड़ गए है। इसके होने से अब इस क्षेत्र में 24X7 बिजली आपूर्ति होगी।बता दें कि सिंधु नदी की ऊपरी पहुंच में दांतेदार पहाड़ों के बीच एक 40-किमी 11 केवी ट्रांसमिशन लाइन राष्ट्रीय सीमा की परिधि पर लालुंग, सिल्मू, बटालिक, दारचिक, हरदास, सिनिकसी और गारकोन गांवों को जोड़ती है।यह लिंक 24X7 आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगा, लोगों के जीवन को बदलेगा और पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा।
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इस लाइन का केंद्र के पीएम विकास कार्यक्रम के तहत निर्माण किया गया है। अभी तक क्षेत्र डीजल जेनरेटरों से शाम को 5-6 घंटे बिजली आपूर्ति पर निर्भर था। आजादी के 70 साल बाद 'एक राष्ट्र, एक ग्रिड' को एक वास्तविकता बनाया गया है। यह रेखा लद्दाख में ग्रामीण विद्युतीकरण का आधार है। केंद्र ने श्रीनगर-लेह लाइन को लेह के उत्तर में नुब्रा घाटी तक विस्तारित करने सहित लद्दाख के दूरदराज के गांवों के लिए 1,310 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। पावरग्रिड ने नुब्रा घाटी में लार्गियाब जैसे 20 दूरदराज के गांवों को जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। इसके अलावा, कारगिल जिले में वानला से फतोकसर, लमायारू से आतिशे, फोटरसे और सस्पोल क्षेत्र को जोड़ने वाली 150 किलोमीटर की कुल 11-केवी लाइनें बिछाई गई हैं।
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