फारूक अब्दुल्ला का बड़ा आरोप, कहा- चुनाव जीतने के मकसद से किया गया बालाकोट हमला
राज्य में विधानसभा चुनाव में देरी के भारत के निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा ‘‘उपद्रव’’ की आशंका है।
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने लोकसभा चुनाव जीतने के ‘‘एकमात्र उद्देश्य’’ के साथ पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले के आदेश दिए। श्रीनगर से सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सभी मोर्चो पर ‘‘विफल’’ रही और यह पूरी तरह माना जा रहा था कि चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ लड़ाई या टकराव होगा ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ‘‘अवतार’’ के रूप में सामने आए जिसके बिना भारत का गुजारा हो ही नहीं सकता। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘यह सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह से चुनाव के लिए, केवल चुनाव के उद्देश्य से की गई। हमने करोड़ों रुपये मूल्य का विमान गंवा दिया। शुक्र है कि भारतीय वायु सेना का पायलट जीवित बच गया और सम्मान के साथ पाकिस्तान से लौट आया।’’
Farooq Abdullah: We always knew that there would be a fight or a skirmish with Pakistan. This surgical strike (airstrike) was done as elections are approaching. We lost an aircraft worth crores. Be thankful that the pilot (IAF) survived & returned from Pakistan with respect. pic.twitter.com/7UElbtuKKn
— ANI (@ANI) March 11, 2019
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘संसद में हमें पता है कि वे सभी दूसरे मोर्चों पर विफल हो गए और कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लड़ाई या टकराव होगा ताकि वह एक तरह का ‘अवतार’ बन जाए जिनके बिना भारत चल ही नहीं सकता। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं वह या मैं रहे या ना रहे, भारत जिंदा रहेगा और आगे बढ़ता रहेगा।’’ नेकां अध्यक्ष ने कहा कि चुनावों में भाजपा को मदद देने के लिए डर का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत करने के अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (नयी दिल्ली) इस कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में लाए। अब कई देश भारत और पाकिस्तान को कश्मीर पर बातचीत करने के लिए राजी करने में शमिल हैं और वे अपने आप को इसमें शामिल रखेंगे क्योंकि यह आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’’
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राज्य में विधानसभा चुनाव में देरी के भारत के निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा ‘‘उपद्रव’’ की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने कोई शैतानी करने की सोची होगी इसलिए चुनाव टल गए। मुझे समझ नहीं आता कि जब हजारों लोगों ने पंचायत और नगर निगम चुनावों में भाग लिया तो उन्हें अब क्या खतरा लगता है जब बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं और वे राज्य के हर नुक्कड़ और कोने में मौजूद हैं।’’ अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के पक्ष में है और अब जनता को समझना चाहिए कि उनका मकसद क्या है। उन्होंने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग कह रहा है कि माहौल लोकसभा चुनाव के अनुकूल है तो विधानसभा चुनाव के लिए अनुकूल क्यों नहीं है? यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर विचार कर रही है, इस पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमने उस पर फैसला नहीं लिया है। हम देखेंगे।’’
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