PM ने जय Bajrang Bali बोलकर EVM का बटन दबाने को कहा तो Owaisi बोले- अल्लाह हू अकबर कहकर बटन दबाएं

Modi Owaisi
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ओवैसी ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस खुलेआम बहुसंख्यक धर्म के आधार पर वोट मांग रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग चुप है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने भाजपा के सामने वैचारिक लड़ाई के दौरान आत्मसमर्पण कर दिया है और खुद को ज्यादा बड़ा हिंदू साबित करने में लगी है।

चुनावी राज्य कर्नाटक में भगवान हनुमान चुनावी मुद्दों के केंद्र में आ गए हैं क्योंकि अपने घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा कर घिरी कांग्रेस ने बचाव की मुद्रा में आते हुए पूरे राज्य में हनुमान मंदिरों के निर्माण और जीर्णोद्धार का वादा किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध के वादे की तुलना हनुमान और उनके भक्तों को ताले में बंद करने से की है। इस बीच, राज्य भर में भाजपा हनुमान चालीसा का पाठ कर इस मुद्दे को गर्मा रही है तो वहीं प्रधानमंत्री ने कह दिया है कि जब 10 मई को वोट करने जाएं तो बजरंग बली की जय बोलकर ईवीएम का बटन दबायें। इस बात को मुद्दा बनाते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने सवाल पूछा है कि यदि प्रधानमंत्री की अपील सही है तो क्या हम यह अपील करें कि 10 तारीख को अल्लाह हू अकबर कहकर बटन दबाएं।

ओवैसी ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस खुलेआम बहुसंख्यक धर्म के आधार पर वोट मांग रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग चुप है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने भाजपा के सामने वैचारिक लड़ाई के दौरान आत्मसमर्पण कर दिया है और खुद को ज्यादा बड़ा हिंदू साबित करने में लगी है। उन्होंने कांग्रेस से पूछा है कि क्या वह हुबली में ध्वस्त दरगाह के पुनर्निर्माण का वादा करेगी? ओवैसी का आरोप है कि भाजपा और कांग्रेस मुद्दों की लड़ाई नहीं लड़ रहे बल्कि दोनों में इस बात का झगड़ा हो रहा है कि सबसे बड़ा हिंदू कौन है?

कांग्रेस बैकफुट पर आई

वहीं जहां तक इस मुद्दे पर कर्नाटक में हो रही राजनीति का सवाल है तो आपको बता दें कि दक्षिणपंथी संगठनों ने राज्य भर में हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर अब कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस जिन मुद्दों के इर्द-गिर्द 10 मई को होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, ऐसा प्रतीत होता है कि वह ठंडे बस्ते में चला गया है क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए। मैसूर में चामुंडी पहाड़ी पर, मैसूर की देवी चामुंडेश्वरी और साथ ही आंजनेय की पूजा करने के बाद शिवकुमार ने और हनुमान मंदिरों का निर्माण करने या पूरे राज्य में मौजूदा मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का वादा किया। रामनगर में कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे शिवकुमार ने कहा, ‘‘राम दूत आंजनेय (हनुमान) के मंदिर हर जगह हैं। हमने आंजनेय मंदिरों का निर्माण कराया है और हम भी उनके भक्त हैं। विशेष रूप से हम कन्नड़वासियों में उनके प्रति गहरी आस्था है जहां इस बात के पक्के प्रमाण हैं कि आंजनेय का जन्म (इसी) राज्य में हुआ था।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस आंजनेय मंदिरों और भगवान हनुमान के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम कार्यक्रम ला रहे हैं। कांग्रेस सभी महत्वपूर्ण आंजनेय मंदिरों, विशेष रूप से आंजनेय से जुड़े ऐतिहासिक स्थानों के विकास के लिए विशेष नीतियां बनाएगी।’’ शिवकुमार ने कहा, ‘‘हम राज्य के सभी तालुकों में आंजनेय के नाम पर नीतियां और कार्यक्रम बनाएंगे, जिससे युवाओं को हनुमान के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।’’ देवी चामुंडेश्वरी की शपथ लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अंजनाद्री विकास बोर्ड की स्थापना करेगी। भगवान के नाम पर राजनीति करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि भाजपा ने कितने आंजनेय मंदिरों का निर्माण कराया है। शिवकुमार ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा के मेरे मित्र राजनीतिक लाभ के लिए भगवान के नाम का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। वे भावनाओं के साथ खेल रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता के अनुसार बेंगलुरु और मैसूर के बीच कम से कम 25 आंजनेय मंदिर हैं, जिनका निर्माण राज्य के पहले मुख्यमंत्री केंगल हनुमंतैया ने कराया था, जो कांग्रेस नेता थे। शिवकुमार ने कहा, ‘‘क्या भाजपा ने एक भी मंदिर बनाया? वे इसे भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर कोई ध्यान नहीं देगा। वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जो नहीं होगा। कांग्रेस सत्ता में आएगी। हम राम और आंजनेय से जुड़े सभी मंदिरों का निर्माण करेंगे।’’

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डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस

इस बीच, कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार को घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रस्तावित प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं थी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘‘घोषणापत्र जारी किए जाने से पहले इसे पढ़ने वाले नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध का जिक्र नहीं करने को कहा था। लेकिन उन्होंने नहीं सुना। इसका निश्चित रूप से असर होगा। अब हम सभी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।’’ बचाव की मुद्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का पार्टी के समक्ष कोई सुझाव नहीं है।

कांग्रेस को अपनी गारंटियों पर भरोसा

उधर, इस प्रकार की भी खबरें हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही बजरंग दल से जुड़े मुद्दे को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी हो, लेकिन कांग्रेस का मानना है कि उसकी ओर से दी गई पांच 'गारंटी' ही उसकी जीत का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के जारी होने के बाद एक सर्वेक्षण कराया है जिससे पता चलता है कि सिर्फ सात प्रतिशत मतदाता ही बजरंग दल से जुड़े मुद्दे से अवगत हैं। कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ''कर्नाटक के सिर्फ सात प्रतिशत मतदाता ही बजरंग दल से जुड़े मुद्दे से अवगत है। इनमें भी 10 प्रतिशत से कम लोग ही इसी चुनाव का मुद्दा मानते हैं।" सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों को सर्वेक्षण का हिस्सा बनाया गया उनमें ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के मतदाता थे तथा भारतीय जनता पार्टी के विरोधी मतदाताओं की गोलबंदी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पक्ष में बहुत अधिक है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''सिर्फ तटीय कर्नाटक की 4 सीटों पर ही इस मुद्दे के कारण 1000 से 1500 तक मतों का नुकसान हो सकता है। इन क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों को सूचित कर दिया गया है कि वे और मेहनत करें।" कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी भले ही बजरंग दल के मुद्दे पर पूरी ताकत झोंके हुए है, लेकिल हमारी ओर से दी गई पांच गारंटी ही हमारी जीत का रास्ता तय करेगी।"

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