बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित

[email protected] । Mar 23 2017 2:31PM

उच्चतम न्यायालय ने भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के अन्य आरोपियों से आज अपने लिखित बयान देने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के अन्य आरोपियों से आज अपने लिखित बयान देने को कहा और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति पीपी घोष एवं न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने मामले में सभी पक्षों से छह अप्रैल तक लिखित दलीलें दायर करने को कहा और मामले की सुनवाई सात अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

भाजपा नेताओं की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने सुनवाई की शुरूआत में अदालत से एक अन्य पीठ के समक्ष एक ऐसे मामले में पेश होने की अनुमति मांगी जिसकी कुछ सुनवाई हो चुकी है। पीठ ने वेणुगोपाल की याचिका स्वीकार कर ली लेकिन कहा कि पक्षों को सुनवाई की आगामी तिथि से पहले मामले में अपने लिखित बयान दायर करने होंगे। न्यायमूर्ति घोष ने बुधवार को न्यायमूर्ति नरीमन के उपस्थित नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई आज तक के लिए स्थगित कर दी थी। न्यायालय ने अयोध्या में 1992 में विवादित राम जन्मभूमि स्थल पर बाबरी ढांचा गिराये जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत आरोपियों पर से आपराधिक साजिश के आरोप हटाने के आदेश के खिलाफ दायर अपील की जांच पड़ताल करने का छह मार्च को निर्णय लिया था।

न्यायालय ने यह भी कहा कि विवादित ढांचा गिराये जाने की घटना के मद्देनजर दर्ज दो प्राथमिकियों से संबंधित मामलों पर संयुक्त सुनवाई करने का आदेश देने का विकल्प भी है। हालांकि, आरोपियों के वकील ने दोनों प्राथमिकियों को एक में मिलाने का विरोध किया था और कहा था कि दोनों मामलों में अलग अलग व्यक्ति आरोपी हैं और इनके मुकदमों की सुनवाई अलग अलग स्थानों पर काफी आगे बढ चुकी है। वकीलों का कहना था कि इन मामलों की संयुक्त सुनवाई का मतलब नये सिरे से कार्यवाही शुरू करना होगा।

इस मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती सहित 13 व्यक्तियों को आपराधिक साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई रायबरेली की विशेष अदालत में हो रही है। दूसरा मामला अज्ञात ‘कारसेवकों’ के खिलाफ है जो विवादित ढांचे के इर्द गिर्द थे और इस मुकदमे की सुनवाई लखनऊ में हो रही है। छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में भाजपा नेता आडवाणी, जोशी और 19 अन्य के खिलाफ साजिश के आरोप खत्म करने के आदेश के विरूद्ध हाजी महबूब अहमद (अब मृत) और सीबीआई ने याचिकाएं दायर की थीं।

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