सांप्रदायिक ताकतों का विरोध करने के कारण भाजपा की आंखों में खटकते हैं आजम : अखिलेश
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने के दूसरे दिन शनिवार को सपा प्रमुख ने यहां जारी एक बयान में कहा, मोहम्मद आजम खां सामान्य व्यक्ति नहीं, वे रामपुर से 10 बार विधायक, तीन बार सांसद,राज्य सरकार में कई बार मंत्री रहने के अलावा नेता विपक्ष भी रहे हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि आए दिन विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने का सिलसिला जारी है और समाजवादी पार्टी के नेताओं के प्रति भाजपा का रवैया दुश्मनी जैसा है, यह लोकतंत्र में अवांछनीय है। बयान में सपा प्रमुख ने दावा किया, भाजपा सरकार के निशाने पर मुख्य रूप से रामपुर के लोकप्रिय समाजवादी नेता मोहम्मद आजम खां साहब हैं, जिन पर रोज फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाये जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने यह जानकारी दी। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने पीटीआई- को बताया कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत द्वारा पारित फैसले के कारण अयोग्यता के परिणामस्वरूप उप्र विधानसभा सचिवालय द्वारा सीट रिक्त किये जाने की घोषणा की गई है।’’
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सपा प्रमुख ने बयान मेंकहा कि मोहम्मद आजम खां नफरती राजनीति के विरोधी थे, इसलिए वे भाजपा की आंख की किरकिरी बन गए हैं। विधानसभा में उनके अकाट्य तर्कों और तीखे बयानों से भाजपा नेता असहज रहते थे इसलिए उनके खिलाफ षड्यंत्र के बीज बोए जाने लगे। आजम खान की तारीफों के पुल बांधते हुए यादव ने कहा कि भाजपा को चिढ़ है कि रामपुर में मोहम्मद आजम खां ने एक उच्चस्तरीय शैक्षिक संस्थान मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बना दिया जिससे इस क्षेत्र के नौजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिलना तय था। इस बड़े काम की प्रशंसा के बजाय भाजपा सरकार विश्वविद्यालय को ही मटियामेट करने पर तुल गई। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कुंभ का महापर्व आया तब समाजवादी सरकार में बतौर मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कुंभ की तैयारियों पर निगाह रखी और लोगों की सुविधाओं का विस्तार किया। इसकी साधु संतों ने भी प्रशंसा की। सपा प्रमुख ने नसीहत दी कि भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि राजनीति में विद्वेष की भावना का कोई स्थान नहीं है, लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की समान भूमिका होती है।
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