असम में मुख्यमंत्री ने ‘अप्राकृतिक मृत्यु’ के बंद मामलों की दोबारा जांच के आदेश दिए
उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र के संबंधित पुलिस निरीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध स्थल का दौरा करेंगे और जांच से संतुष्ट होंगे। जब तक वह संतुष्ट नहीं होंगे, मामले की जांच बंद नहीं होगी।’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पुलिस को पिछले एक साल में राज्य में हुई ‘‘अप्राकृतिक मृत्यु’’ के सभी मामलों की फिर से जांच करने का आदेश दिया है। शर्मा ने कहा कि दरांग जिले की घटना सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत और आरोपियों के साथ उनके गठजोड़ को उजागर करती है जिसमें जिले में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के एक आरोपी को बचाने के लिए मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और सरकारी चिकित्सक को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पुलिस अधीक्षकों के हाल ही में आयोजित सम्मेलन में, हमने उन्हें एक साल पुराने सभी एक जैसे मामलों की जांच दोबारा से करने के लिए कहा है। हमने उन्हें अप्राकृतिक मृत्यु के मामलों पर दोबारा से विचार करने का निर्देश दिया है, जिन्हें अदालत या पुलिस ने आत्महत्या करार देते हुए बंद कर दिया था।’’ अन्य प्रकार की ‘‘अप्राकृतिक मृत्यु’’ जैसे दुर्घटनाओं और हत्याओं के मामलों पर भी ध्यान दिया जाएगा। ‘‘पिछले एक साल के ऐसे सभी मामलों पर दोबारा गौर किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र के संबंधित पुलिस निरीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध स्थल का दौरा करेंगे और जांच से संतुष्ट होंगे। जब तक वह संतुष्ट नहीं होंगे, मामले की जांच बंद नहीं होगी।’’ यह पूछे जाने पर कि कितने मामले फिर से खोले जाएंगे, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों से रिपोर्ट आने के बाद ही सही सटीक संख्या का पता चलेगा। शर्मा ने कहा कि एक आम आदमी 15 साल पुराने मामलों की भी दोबारा जांच की मांग कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर अतीत में कुछ हुआ था और आप जांच से संतुष्ट नहीं थे, तो आप अब पुलिस से भी संपर्क कर सकते हैं। आपराधिक मामलों की कोई समय सीमा नहीं होती है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार घरेलू नौकरों के रोजगार के संबंध में एक ‘‘मजबूत’’ मानक संचालन प्रक्रिया या मौजूदा कानूनों में संशोधन करने पर विचार कर रही है क्योंकि उन्हें प्रताड़ित करने और अत्यधिक क्रूरता के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं।
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